नकाब विवाद को देखकर ‘निराश’ हूं: राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

पटना, 20 दिसंबर। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला डॉक्टर का नकाब हटाए जाने से जुड़े विवाद पर शनिवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को देखकर उन्हें “निराशा” हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले को जिस तरह से विवाद का रूप दिया गया, वह दुखद है।

राज्यपाल उस वीडियो क्लिप का जिक्र कर रहे थे, जिसने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है। यह घटना सोमवार को पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में उस समय हुई थी, जब आयुष विभाग के डॉक्टर नियुक्ति पत्र लेने के लिए एकत्र हुए थे। वीडियो में दिख रहा है कि जब एक महिला डॉक्टर अपना नियुक्ति पत्र लेने आगे बढ़ीं, तो मुख्यमंत्री ने उनका नकाब देखा और यह कहते हुए उसे हटा दिया—“यह क्या है।”

इस पर पूछे गए सवालों के जवाब में राज्यपाल ने कहा,
“इस मामले में ‘विवाद’ शब्द सुनकर मुझे बहुत दुख होता है। क्या पिता और बेटी के बीच कोई विवाद हो सकता है?”

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा,
“आप लोगों ने इसका क्या मतलब निकाल लिया? यह आदमी छात्राओं को अपनी बेटियों की तरह मानता है।”

इस बीच, सरकारी तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य महफूजुर रहमान ने बताया कि संबंधित महिला डॉक्टर नुसरत परवीन का परिवार मीडिया कवरेज से बचना चाहता है। उन्होंने कहा कि नुसरत इस बात पर पुनर्विचार कर रही हैं कि वह नौकरी स्वीकार करें या नहीं।

हालांकि शनिवार नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि है, लेकिन प्राचार्य ने कहा कि सरकार और संबंधित विभाग इस “विशेष मामले” में समय-सीमा बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा,
“आखिरकार यह नुसरत पर निर्भर करता है। वह इस पद को स्वीकार करने के बजाय उच्च शिक्षा का विकल्प भी चुन सकती हैं, जिससे भविष्य में उनके अवसर बेहतर हो सकते हैं।”

प्राचार्य के अनुसार, परिवार ने यह भी कहा है कि यदि नुसरत नौकरी स्वीकार करती हैं, तो वह अपनी निजता बनाए रखते हुए ऐसा करेंगी।
रहमान ने बताया,
“नुसरत परवीन के पति ने कहा है कि परिवार मीडिया द्वारा पैदा किए गए इस विवाद से निराश है।”

उन्होंने कोलकाता यात्रा से जुड़ी खबरों को भी गलत बताया और कहा कि परिवार के किसी भी सदस्य को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या राज्य सरकार से कोई नाराजगी नहीं है।
प्राचार्य ने दावा किया कि नुसरत आखिरी बार 17 या 18 दिसंबर को कॉलेज आई थीं और उस दौरान उन्होंने किसी तरह की नाराजगी या असंतोष जाहिर नहीं किया था।

उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम को उनकी नुसरत के परिवार से फोन पर बात हुई थी, जिसमें परिवार ने मीडिया में फैलाई जा रही खबरों को गलत बताते हुए किसी भी तरह की कवरेज से बचने की इच्छा जताई।

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