नई दिल्ली, 26 दिसंबर – उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता ने शुक्रवार को कहा कि कुलदीप सेंगर की उम्रकैद की सजा के निलंबन के फैसले से वह डरने वाली नहीं हैं और इस मामले में उन्हें उच्चतम न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
पीड़िता ने कहा कि वह देश की महिलाओं के बीच गए संदेश पर सवाल उठाने के लिए उच्च न्यायालय के बाहर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थीं। उन्होंने अपने अधिकार पर जोर देते हुए कहा, “ये सवाल पूछना मेरा और जनता का अधिकार है। हर न्यायाधीश ऐसा नहीं होता।”
पीड़िता ने बताया कि सेंगर को जमानत मिलने से उनके परिवार की सुरक्षा और आजीविका खतरे में पड़ गई है। उन्होंने कहा, “इस आदेश ने मुझे और मेरे जैसी कई महिलाओं को कैद कर दिया है। इससे मेरे परिवार को खतरा है, मेरे पति की नौकरी चली गई है। अब हम क्या करें?”
उच्चतम न्यायालय पर भरोसा जताते हुए पीड़िता ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, “हम उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे और मुझे उस पर पूरा भरोसा है। शीर्ष अदालत ने मुझे पहले भी न्याय दिया है और मुझे यकीन है कि वह फिर से ऐसा करेगी।”
पीड़िता ने अपने संघर्ष को महिलाओं के अधिकारों की व्यापक लड़ाई बताया। उन्होंने कहा, “वे सोचते थे कि हम डर जाएंगे और चुप रहेंगे। उन्होंने किसी महिला का दुर्गा अवतार नहीं देखा है। हम डरेंगे नहीं। यह देश की महिलाओं के लिए न्याय की लड़ाई है। हमें जेल में डाला जा सकता है, लेकिन हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।”
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेंगर को मंगलवार को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सेंगर पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएगा और न ही उन्हें या उनकी मां को धमकाएगा। अदालत ने कहा कि शर्तों का कोई भी उल्लंघन उनकी जमानत स्वतः रद्द होने का कारण बनेगा।
