राजधानी में दमघोंटू हवा, बेहद खराब श्रेणी में एक्यूआई; गैस चैंबर बनी दिल्ली

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार सुबह शहर की शुरुआत घने कोहरे और धुंध के साथ हुई, वहीं स्मॉग की मोटी परत ने लोगों की सांसें और मुश्किल कर दीं। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के अनुसार, सुबह राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 355 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सुबह आठ बजे के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के कई इलाकों में हालात और भी गंभीर नजर आए। चांदनी चौक में एक्यूआई 382, आनंद विहार में 374, जहांगीरपुरी में 373, विवेक विहार में 373 और मुंडका में 378 दर्ज किया गया। वहीं, अशोक विहार (362), पंजाबी बाग (366), आरके पुरम (366), रोहिणी (367) और वजीरपुर (368) जैसे इलाकों में भी हवा बेहद खराब बनी हुई है। कुछ क्षेत्रों जैसे आया नगर (271) और आईजीआई एयरपोर्ट टी-3 (273) में स्थिति अपेक्षाकृत खराब श्रेणी में रही, लेकिन राहत की स्थिति से ये भी काफी दूर हैं।

मौसम बना सबसे बड़ा कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली की बिगड़ती हवा के पीछे मौसम की भूमिका अहम है। स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत के मुताबिक, तापमान में गिरावट और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते ठंडी हवा नीचे ही फंसी हुई है। हवा की गति धीमी होने और बारिश न होने के कारण प्रदूषक तत्व ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। ऐसे में वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों की धूल और अन्य प्रदूषक जमीन के पास ही जमा हो जाते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ जाता है।

सेहत पर बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक बेहद खराब या गंभीर श्रेणी में रहने वाला एक्यूआई आम लोगों की सेहत के लिए नुकसानदेह है। इससे आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, खांसी और अस्थमा जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक मानी जाती है।

एक्यूआई क्या बताता है?
वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार 0–50 एक्यूआई को अच्छा, 51–100 को संतोषजनक, 101–200 को मध्यम, 201–300 को खराब, 301–400 को बेहद खराब और 401–500 को गंभीर श्रेणी माना जाता है। वर्तमान में दिल्ली के ज्यादातर इलाके 300 के पार हैं, जो साफ संकेत है कि राजधानी की हवा फिलहाल लोगों की सेहत पर सीधा असर डाल रही है।

प्रदूषण से राहत के लिए विशेषज्ञों ने लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचने, मास्क के इस्तेमाल और प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया है।

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