नयी दिल्ली। लखनऊ की एक विशेष अदालत ने कृत्रिम अंगों और उपकरणों के वितरण में सरकारी धन के कथित दुरुपयोग से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर अभियोग शिकायत का संज्ञान ले लिया है। यह मामला डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद और अन्य से संबंधित है। ईडी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
ईडी के अनुसार, उसने 11 अगस्त को लखनऊ स्थित विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोग शिकायत (आरोपपत्र) दायर की थी, जिसमें 45.92 लाख रुपये की संपत्ति जब्त करने और आरोपियों को दोषी ठहराने का अनुरोध किया गया है। एजेंसी ने बताया कि विशेष पीएमएलए अदालत ने 25 नवंबर को इस अभियोग शिकायत का संज्ञान लिया।
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि यह जांच उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के प्रतिनिधि प्रत्यूष शुक्ला और अन्य के खिलाफ दर्ज 17 प्राथमिकियों (एफआईआर) के आधार पर शुरू की गई थी।
मामले को लेकर लुईस खुर्शीद की प्रतिक्रिया जानने के लिए भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिल सका। वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव अतहर फारूकी उर्फ मोहम्मद अथर और तत्कालीन परियोजना निदेशक लुईस खुर्शीद के खिलाफ सभी 17 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया था।
ईडी ने अपनी जांच के हवाले से कहा कि ट्रस्ट को मिली 71.50 लाख रुपये की अनुदान राशि का उपयोग केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत शिविरों के आयोजन में नहीं किया गया। जांच में सामने आया कि प्रत्यूष शुक्ला, मोहम्मद अतहर और लुईस खुर्शीद ने इस धनराशि का कथित तौर पर ट्रस्ट के हितों और अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल किया।
जांच एजेंसी ने यह भी बताया कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में कृषि भूमि के रूप में 29.51 लाख रुपये मूल्य की 15 अचल संपत्तियों और ट्रस्ट से जुड़े चार बैंक खातों में जमा 16.41 लाख रुपये की राशि को अस्थायी रूप से जब्त किया जा चुका है।
गौरतलब है कि डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर वर्ष 2012 में भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोप लगे थे। उस समय सलमान खुर्शीद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में मंत्री थे। हालांकि, खुर्शीद परिवार ने ट्रस्ट के संचालन में किसी भी प्रकार की अनियमितता के आरोपों से हमेशा इनकार किया है।
