लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा ने दो व्यक्तियों के साथ मिलकर की आपराधिक साजिश, 3 लाख रुपये रिश्वत मामले में CBI ने दर्ज की प्राथमिकी

नई दिल्ली, 21 दिसंबर। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा ने दुबई स्थित एक लॉजिस्टिक्स कंपनी के माल के निर्यात के लिए विदेश मंत्रालय से मंजूरी दिलवाने के लिए दो व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची, इस मामले में उन्हें तीन लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह जानकारी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अपनी प्राथमिकी में दी।

CBI के अनुसार, शर्मा रक्षा मंत्रालय के संवेदनशील रक्षा उत्पादन विभाग में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निर्यात के उपनियोजन अधिकारी के पद पर तैनात थे। तलाशी के दौरान उनके परिसर से 2.36 करोड़ रुपये से अधिक नकद बरामद हुए।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि शर्मा विभिन्न निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर निरंतर भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों में लिप्त थे। CBI ने बताया कि दुबई स्थित कंपनी ‘डीपी वर्ल्ड’ की खेप को लेकर दो व्यक्ति – राजीव यादव और रवजीत सिंह – शर्मा के संपर्क में थे। राजीव यादव कंपनी के निदेशक हैं, जबकि रवजीत सिंह भारत संचालन का कार्य देखते हैं।

CBI ने बताया कि अक्टूबर में यादव और सिंह ने दुबई जाने वाले माल के लिए विदेश मंत्रालय से मंजूरी दिलाने हेतु शर्मा के साथ साजिश रची। दिसंबर में शर्मा को रिश्वत देने के लिए विनोद कुमार के माध्यम से तीन लाख रुपये की राशि उनके आवास पर सौंपी गई।

शर्मा और विनोद कुमार को विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जिसने उन्हें 23 दिसंबर तक CBI हिरासत में भेज दिया।

CBI ने दावा किया कि इस मामले से पता चलता है कि रक्षा मंत्रालय के अधिकारी अपनी पदवी और संपर्क का दुरुपयोग करके निजी कंपनियों के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करवा रहे थे। मामले की जांच जारी है।

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