दरभंगा में तकनीकी खामी से गलत अंतरण, पैसा खर्च कर चुके कई ग्रामीण
दरभंगा/पटना, 17 दिसंबर । बिहार सरकार के अधिकारी दरभंगा जिले में मुख्यमंत्री महिला योजना के तहत कुछ पुरुष ग्रामीणों के बैंक खातों में कथित रूप से गलती से अंतरित हुए 10-10 हजार रुपये की वसूली को लेकर असमंजस में हैं। अधिकारियों के अनुसार, जिन पुरुषों के खातों में यह राशि पहुंची, उनमें से कई पहले ही पैसे खर्च कर चुके हैं, जिससे वसूली की प्रक्रिया जटिल हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि दरभंगा जिले के जाले विधानसभा क्षेत्र के अहियारी गांव में तकनीकी खामी के कारण यह गड़बड़ी सामने आई। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से राशि अंतरित की जा रही थी, लेकिन कुछ पुरुष लाभार्थियों के खातों में भी 10 हजार रुपये जमा हो गए।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, कुछ ग्रामीणों ने यह राशि छठ पूजा और दीवाली जैसे त्योहारों पर खर्च कर दी, जबकि कुछ ने इससे बकरियां और बतख खरीद लीं। ऐसे में कई ग्रामीण अब या तो राशि लौटाने की स्थिति में नहीं हैं या फिर उसे वापस करने को तैयार नहीं हैं।
‘जीविका’ योजना के प्रखंड परियोजना निदेशक ने कम से कम तीन पुरुषों को नोटिस जारी कर उनके खातों में जमा हुई राशि वापस करने को कहा है। इन ग्रामीणों की पहचान नागेंद्र राम, बलराम सहनी और राम सागर कुमार के रूप में हुई है, जो दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर बताए जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई अन्य लोगों को भी इसी तरह के नोटिस मिले हैं।
नागेंद्र राम ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने इस योजना के लिए आवेदन नहीं किया था और सरकार ने स्वयं उनके खाते में पैसा भेज दिया। उन्होंने बताया कि दिव्यांग होने के कारण उन्होंने त्योहारों के दौरान यह राशि खर्च कर दी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि इस रकम की वसूली से उन्हें राहत दी जाए।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उन्होंने ‘जीविका’ के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे सभी मामलों की विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपी जाए। उन्होंने इसे गंभीर और चिंता का विषय बताया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत लगभग 1.40 करोड़ महिला उद्यमियों के खातों में 10 हजार रुपये अंतरित किए गए थे। ‘जीविका’ बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजना है।
इस घटना ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और भुगतान प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों में इसको लेकर भ्रम और नाराजगी देखी जा रही है। विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने जल्दबाजी में योजना लागू करते हुए महिलाओं के बजाय कुछ पुरुषों के खातों में राशि डाल दी, जिसे उसने ‘वोट खरीदने’ से जोड़ा।
