शाहजहांपुर। इंदिरा नगर स्थित ऋषि आश्रम परिसर में पूज्यनीय और दुर्लभ वृक्षों के अवैध कटान का मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि आश्रम में रह रहे मुरारी चैतन्य ने बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के लकड़ी माफियाओं से साठ-गांठ कर हरे-भरे वृक्षों को कटवाया और उनकी लकड़ी बाजार में बेच दी। इस घटना को लेकर मोहल्लेवासियों में गहरा रोष व्याप्त है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ऋषि आश्रम केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि वर्षों से क्षेत्र की धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय आस्था का केंद्र रहा है। आश्रम परिसर में वट, आंवला सहित कई ऐसे वृक्ष मौजूद थे, जिनका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। वट सावित्री व्रत, आंवला पूजा और अन्य पर्वों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते रहे हैं। ऐसे में इन पूज्यनीय वृक्षों का गुपचुप तरीके से कटान किए जाने से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
मामले को लेकर नीरज बाजपेई के नेतृत्व में उदयवीर सिंह, अंबिका प्रसाद मिश्रा, आशीष चौधरी, अखिलेश सिंह और वेणु गोपाल त्रिपाठी सहित कई मोहल्लेवासी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और डीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अवैध वृक्ष कटान की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की गई।
इस अवसर पर नीरज बाजपेई ने कहा कि आश्रम परिसर में मौजूद वृक्ष केवल लकड़ी नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था और पर्यावरण की धरोहर थे। उनका अवैध कटान न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज और प्रकृति के प्रति अपराध भी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो मोहल्लेवासी आंदोलन और धरना-प्रदर्शन करने को विवश होंगे।
अन्य वक्ताओं ने भी कहा कि पर्यावरण संरक्षण के दावे करने वाली सरकार के रहते इस तरह की घटनाएं चिंताजनक हैं। वहीं, प्रशासन की ओर से ज्ञापन प्राप्त कर मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। अब सभी की नजरें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।
