उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से किसान पाठशाला कार्यक्रम की शुरुआत कर दी गई है। यह कार्यक्रम 12 दिसंबर से 29 दिसंबर तक प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित किया जाएगा। इसके तहत किसानों को नवीन कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, सिंचाई के आधुनिक साधनों और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, ताकि वे कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकें।
किसान पाठशाला में विशेष रूप से सोलर पंप, आधुनिक कृषि यंत्र, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के उपयोग पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे न केवल सिंचाई की लागत कम होगी, बल्कि बिजली और डीजल पर निर्भरता भी घटेगी। विशेषज्ञ किसानों को फसल विविधीकरण, जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व और संतुलित उर्वरक उपयोग के बारे में भी जागरूक करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान कृषि वैज्ञानिक, विभागीय अधिकारी और प्रगतिशील किसान अपने अनुभव साझा करेंगे। किसानों को यह भी बताया जाएगा कि वे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना और कृषि यंत्रीकरण योजना का अधिकतम लाभ कैसे उठा सकते हैं। इसके अलावा, किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के माध्यम से मौसम पूर्वानुमान, बाजार भाव और कृषि सलाह प्राप्त करने की जानकारी भी दी जाएगी।
राज्य सरकार का मानना है कि किसान पाठशाला से किसानों की तकनीकी समझ बढ़ेगी और वे परंपरागत खेती से आगे बढ़कर आधुनिक और लाभकारी खेती की ओर कदम बढ़ाएंगे। इससे प्रदेश की कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह पहल आत्मनिर्भर किसान और समृद्ध उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
