लोकसभा में ओवैसी का आरोप: एसआईआर पिछले दरवाजे से हो रही एनआरसी, निर्वाचन आयोग संसद से बड़ा नहीं

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर 2025। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में बुधवार को कहा कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पिछले दरवाजे से की जा रही ‘राष्ट्रीय नागरिक पंजी’ (एनआरसी) के समान है और यह संसद तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थापित कानूनों और निर्णयों का उल्लंघन करता है।

लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा में ओवैसी ने कहा कि एसआईआर, संसद द्वारा बनाए गए विधान और उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा ‘लाल बाबू हुसैन’ मामले में दिए गए फैसले का उल्लंघन करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग, देश के सर्वोच्च न्यायालय और संसद से बड़ा नहीं है और वह फॉर्म 6 जैसे नियम लागू करके मतदाताओं पर अपनी नागरिकता साबित करने का भार डाल रहा है, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और निर्वाचक नियमों का उल्लंघन है।

ओवैसी ने कहा कि एसआईआर का उद्देश्य धर्म के आधार पर मताधिकार से लोगों को वंचित करना है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह प्रक्रिया पिछली दरवाजे से एनआरसी तैयार करने जैसा है, जो भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व की कमी पर अफसोस जताते हुए कहा कि केवल चार प्रतिशत मुसलमान लोकसभा में हैं और सत्तारूढ़ पार्टी में कोई मुस्लिम सदस्य नहीं है।

उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि धर्मनिरपेक्ष पार्टियों में भी मुसलमानों का उचित प्रतिनिधित्व नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वायनाड जैसी मुस्लिम बहुल सीट से गैर-मुस्लिम सांसद चुने जा सकते हैं, तो रायबरेली, अमेठी और इटावा जैसी सीटों से भी मुस्लिम चुने जा सकते हैं।

ओवैसी ने कहा कि देश में जर्मनी जैसी संसदीय व्यवस्था अपनाई जानी चाहिए और वोट का अधिकार हर नागरिक के लिए मूल अधिकार के रूप में सुरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा से अपील की कि मताधिकार के अधिकार की रक्षा के लिए व्यापक सहमति के साथ लोकतांत्रिक नियमों का पालन किया जाए।

लोकसभा में उनके इस बयान के बाद विपक्ष और सरकार के बीच मतदाता सूची और एसआईआर को लेकर बहस और तीखी हो गई, जिसमें ओवैसी ने एसआईआर पर धार्मिक और कानूनी दृष्टि से सवाल उठाए और इसे लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के विपरीत बताया।

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