नयी दिल्ली, 10 दिसंबर 2025। लोकसभा में बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती दी कि वह उनके तीन हालिया संवाददाता सम्मेलनों में उठाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर चर्चा करें। ये आरोप कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावों से संबंधित थे।
दरअसल, चुनाव सुधारों पर चर्चा में अमित शाह ने राहुल गांधी के इन दावों को असत्य करार दिया। उन्होंने हरियाणा के मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि एक ही घर में 501 वोट होने का दावा गलत है। गृह मंत्री ने बताया कि मकान नंबर 265 कोई छोटा घर नहीं है, बल्कि एक एकड़ के भूखंड पर बने कई परिवारों का संयुक्त आवास है और प्रत्येक परिवार को अलग वोट मिलता है। उन्होंने कहा कि यह न तो फर्जी घर है और न ही फर्जी वोट। शाह ने राहुल के अन्य आरोपों को भी खारिज किया और कहा कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट रूप से स्थिति को बताया है।
राहुल गांधी ने इसके बावजूद शाह को चर्चा कराने की चुनौती दी। इस दौरान कांग्रेस के अन्य सदस्य भी आपत्ति जताते देखे गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि गृह मंत्री का भाषण पूरा होने के बाद विपक्षी सदस्य सवाल पूछ सकते हैं।
अमित शाह ने तीखे लहजे में कहा, “मैं 30 साल से विधानसभा और संसद में हूं। संसदीय प्रणाली का लंबा अनुभव है। मेरे बोलने का क्रम मैं तय करुंगा। उन्हें धैर्य होना चाहिए, मेरा भाषण का क्रम कोई तय नहीं कर सकता।”
राहुल गांधी ने कहा कि शाह का जवाब घबराहट भरा और डिफेंसिव था। उन्होंने संवाददाता सम्मेलनों में पत्रकारों के सवाल पर उन्हें ‘भाजपा का एजेंट’ कहे जाने और चुनावों में ईवीएम या वोट चोरी के आरोप लगाने का उदाहरण दिया।
साथ ही, उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायाधीश जी. आर. स्वामीनाथन को हटाने का प्रस्ताव लाने का मामला उठाया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि न्यायाधीश का आचरण न्यायपालिका की निष्पक्षता और धर्मनिरपेक्ष कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। इस नोटिस पर 107 विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए। शाह ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि इस प्रस्ताव पर शिवसेना (उबाठा) के सांसदों ने भी दस्तखत किए हैं।
इस प्रकार लोकसभा में चर्चा में विपक्ष और सरकार के बीच मतभेद स्पष्ट रूप से सामने आए, जहां राहुल गांधी ने आरोपों की चुनौती दी और अमित शाह ने भाषण का क्रम तय करने पर जोर दिया।
