नैनो उर्वरक से बढ़ेगी फसल पैदावार, किसानों को मिला प्रशिक्षण


गन्ना किसान प्रशिक्षण संस्थान में विक्रेताओं को दी गई नैनो उर्वरक उपयोग की विस्तृत जानकारी

शाहजहाँपुर, 10 दिसंबर। उत्तर प्रदेश गन्ना किसान प्रशिक्षण संस्थान, लोधीपुर में मंगलवार को बिक्री केंद्र प्रभारी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें नैनो उर्वरकों के उपयोग और उनके कृषि लाभों पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. पी.के. कपिल, सहायक निदेशक, ने नैनो उर्वरकों को खेती के लिए अत्यंत लाभकारी बताते हुए कहा कि बदलते कृषि परिदृश्य में कम लागत और अधिक उत्पादन के लिए नैनो तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

इफको शाहजहाँपुर के क्षेत्र अधिकारी रामरतन सिंह ने प्रशिक्षण में उपस्थित विक्रेताओं को नैनो डीएपी और नैनो यूरिया के उपयोग के तरीके समझाते हुए कहा कि जो किसान बुवाई के समय दानेदार डीएपी का प्रयोग नहीं कर पाए हैं, वे 30–35 दिन की फसल पर 500 एमएल नैनो डीएपी का स्प्रे कर आवश्यक पोषक तत्वों की कमी पूरी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक दानेदार डीएपी समय के साथ भूमि की उर्वरता को कम करती है और रासायनिक खाद फसल पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ती है, जबकि नैनो डीएपी पूर्णतः जैविक, सुरक्षित और अधिक प्रभावी विकल्प है।

उन्होंने आगे बताया कि किसान फसल में पहले पानी के बाद दूसरे पानी पर दानेदार यूरिया की जगह नैनो यूरिया को तरल सागरिका के साथ मिलाकर स्प्रे करें। इस प्रक्रिया से दानेदार यूरिया की मात्रा में 50% तक कमी लाई जा सकती है, जो लागत घटाने के साथ उत्पादन बढ़ाने में मददगार है।

मुख्य अतिथि डॉ. कपिल ने सभी विक्रेताओं से आग्रह किया कि वे किसानों को नैनो डीएपी, नैनो यूरिया और जल-घुलनशील उर्वरकों के बारे में अधिक जागरूक करें, ताकि किसान आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें।

कार्यक्रम में MDE एक्वा एग्री के सचेंद्र वर्मा ने जैव उर्वरकों के महत्व, प्रयोग विधियों और उनके दीर्घकालिक लाभों पर विस्तृत जानकारी दी।
अंत में, उपस्थित सभी विक्रेता प्रतिनिधियों से अपील की गई कि वे आधुनिक उर्वरक तकनीकों को किसानों तक पहुँचाकर उच्च उत्पादन और बेहतर मिट्टी स्वास्थ्य की दिशा में योगदान दें।

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