महाराष्ट्र में एक और बड़े राजनीतिक उलटफेर के संकेत, एनसीपी में पुनर्मिलन की अटकलें तेज

मुंबई/नागपुर: महाराष्ट्र की राजनीति 2019 के बाद से लगातार अप्रत्याशित मोड़ लेती रही है। शिवसेना सरकार का गिरना, दल-बदल, महागठबंधन की राजनीति और फिर नई सत्ता संरचनाओं ने राज्य की राजनीतिक दिशा बदल दी। अब एक बार फिर बड़ा राजनीतिक उलटफेर होने की चर्चा तेज हो गई है। सूत्र बताते हैं कि स्थानीय निकाय चुनावों के बाद राज्य में नई सियासी जमावट देखने को मिल सकती है।

सबसे बड़ी हलचल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में दिख रही है। पार्टी के दो धड़ों—शरद पवार गुट और अजित पवार गुट—के बीच करीबियों की बढ़ती बातचीत ने यह अटकलें तेज कर दी हैं कि आने वाले महीनों में दोनों धड़े फिर से एक हो सकते हैं। अजित पवार के करीबी नेताओं का कहना है कि “अगले साल पार्टी में बहुत बड़ा परिवर्तन होगा और दोनों पवार मिलकर एक नई राजनीतिक ताकत के रूप में सामने आएंगे।”

गौरतलब है कि 2023 में उद्धव ठाकरे सरकार के पतन के बाद एनसीपी में बड़ी टूट हुई थी। अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ विभाजित होकर महायुति सरकार में शामिल हो गए, जबकि शरद पवार कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) के साथ महाविकास अघाड़ी में बने रहे।

हालांकि राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चाचा–भतीजे के बीच अलगाव ने एनसीपी के पारंपरिक वोटर और जमीन स्तर के नेताओं को असहज कर दिया था। अजित पवार के साथ गए अधिकांश नेता मंत्री बन गए, पर पार्टी की मूल पहचान प्रभावित हुई।

अब दोनों पक्षों के फिर एक होने की चर्चा ने राज्य की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। यदि यह होता है, तो महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा समीकरण बदल सकता है।


 

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