खामियों के चलते आरएमएल अस्पताल की ट्रॉमा बिल्डिंग के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र का नवीनीकरण नहीं

नयी दिल्ली, 8 दिसंबर : दिल्ली अग्निशमन सेवा ने यहां आरएमएल अस्पताल की ट्रॉमा बिल्डिंग के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र का नवीनीकरण करने से इनकार कर दिया है। यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी। अधिकारियों ने बताया कि निरीक्षण में गंभीर खामियां सामने आई , जिनमें अग्नि सुरक्षा प्रणालियों के ठीक से काम नहीं करना, आग को फैलने से रोकने वाले दरवाजा का नहीं होना, अग्निशमन बम्बा (हाइड्रेंट) के क्षतिग्रस्त होने और दमकल गाड़ियों के लिए अपर्याप्त पहुंच शामिल थी।

अग्निशमन विभाग ने चार दिसंबर को जारी एक नोटिस में कहा कि उसके अधिकारियों ने 14 नवंबर को संबंधित विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के ट्रॉमा भवन परिसर का निरीक्षण किया। एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, दौरे के दौरान कम से कम 14 बड़ी खामियां दर्ज की गईं , जिससे शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक को संभावित जोखिम में डाल दिया।

नोटिस में उल्लेख किया गया है कि अस्पताल में वाहन के चलने के लिए छह मीटर चौड़ी सड़क और अग्निशमन वाहन की आवाजाही के लिए आवश्यक नौ मीटर का ‘टर्निंग रेडियस’ नहीं है। इसमें कहा गया है कि बेसमेंट में लिफ्ट निर्धारित लिफ्ट लॉबी से संरक्षित नहीं हैं और यद्यपि धुआं सेंसर (स्मोक डिटेक्टर्स) लगाए गए हैं, वे गैर-कार्यात्मक पाए गए।

इसमें यह भी कहा गया है कि लिफ्ट शाफ्ट, लॉबी और सीढ़ियों के लिए दबाव प्रणाली उपलब्ध नहीं थी और स्वचालित पानी छिड़काव प्रणाली या तो काम नहीं कर रही थी या कई जगहों पर पूरी तरह से गायब थी। इसमें कहा गया है कि होज रील उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन वे काम नहीं कर रहे थे। इसमें कहा गया है कि कुछ जगहों पर अग्नि जांच द्वार उपलब्ध नहीं थे और अग्निशमन पंप स्वचालित मोड में नहीं पाए गए।

इसमें कहा गया है कि पाया गया ओवरहेड स्टोरेज टैंक अग्निशमन प्रणाली से जुड़ा नहीं था। इसमें कहा गया है कि भंडारण क्षमता भी 30,000 लीटर पाई गई, जबकि आवश्यक क्षमता 50,000 लीटर है। इसमें यह भी कहा गया है कि पांचवीं मंजिल की छत पर बनाए गए अस्थायी ढांचे और सीढ़ियां, स्वीकृति योजना के अनुसार छत के स्तर तक निरंतर नहीं हैं।

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