नयी दिल्ली, 5 दिसंबर : कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करने के ‘प्रोजेक्ट’ को आगे बढ़ाया जा रहा है तथा वर्तमान सरकार का मुख्य उद्देश्य भी यही है।
उन्होंने यहां ‘जवाहर भवन’ में आयोजित एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि इस ‘प्रोजेक्ट’ का सामूहिक रूप से मुकाबला करना होगा।
सोनिया गांधी ने आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि आज न सिर्फ उनके व्यक्तित्व एवं उनके योगदान को कमतर करने के प्रयास हो रहा है, बल्कि उनकी बहुआयामी विरासत को भी कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्तित्व एवं उसके योगदान का विश्लेषण अलग विषय है, लेकिन जानबूझकर की जाने वाली शरारत अलग बात है।
उनका कहना था, ”यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।’’
सोनिया गांधी ने कहा, ”वो कौन सी ताकतें हैं जो इस प्रोजेक्ट को शुरू कर रही हैं। इन लोगों ने वर्षों से काम किया है। उनका ताल्लुक उस विचारधारा से है जिनका स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं है।”
उन्होंने दावा किया कि इस विचारधारा ने वर्षों पहले ऐसा माहौल बनाया जिसकी परिणति महात्मा गांधी की हत्या के रूप में हुई।
उनका कहना था कि इस विचारधारा को मानने वाले आज भी महत्मा गांधी के हत्यारे का महिमामंडन करते हैं।
सोनिया गांधी ने दावा किया, ”यह एक ऐसी विचारधारा है, जिसने भारत के राष्ट्र निर्माताओं के आदर्शों को निरंतर खारिज किया है। इस विचारधारा ने सामाजिक सद्भाव को दूषित किया है। यह कई तरह के पूर्वाग्रह पर आधारित है।’’
उन्होंने कहा, ”इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि नेहरू को बदनाम करना वर्तमान सत्ता प्रतिष्ठान का मुख्य उद्देश्य है। इनका मकसद सिर्फ नेहरू का नाम मिटाना नहीं, बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बुनियाद को खत्म करना है जिस पर इस देश का निर्माण हुआ।’’
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि आज इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है कि सामूहिक रूप से इस ‘प्रोजेक्ट’ का मुकाबला किया जाए।
सोनिया गांधी ने कहा कि दुष्प्रचार के दौर में तर्कों को आगे बढ़ाना होगा और आधुनिक सोच वाला भारत बनाना होगा।
नेहरू को बदनाम करना वर्तमान सत्ता प्रतिष्ठान का मुख्य उद्देश्य: सोनिया
