शीर्षक: देशभर में प्रशासनिक सुधारों की रफ्तार तेज़, कई राज्यों ने लिये बड़े फैसले

देश में इन दिनों शासन-प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय तेज़ी से लिये जा रहे हैं। केंद्र और राज्य स्तर पर चल रहे इन बदलावों को आगामी वर्ष के विकास एजेंडे से जोड़कर देखा जा रहा है। केंद्र सरकार ने हाल ही में डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत बनाने के लिए नई नीति का ऐलान किया है, जिसके तहत सभी मंत्रालयों और प्रमुख विभागों को चरणबद्ध तरीके से पूर्णतः पेपरलेस मोड में लाने की तैयारी है। अधिकारियों के अनुसार, इस कदम से फाइल निपटान की गति बढ़ेगी और पारदर्शिता में सुधार होगा।

राज्यों में भी बड़े फैसलों की श्रृंखला जारी है। उत्तराखंड सरकार ने देहरादून और नैनीताल स्थित राजभवनों का नाम बदलकर “लोकभवन” कर दिया है, जिसे जनता के करीब शासन लाने की दिशा में प्रतीकात्मक कदम बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदलाव राज्य की लोकतांत्रिक परंपरा और जनसरोकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उधर, उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता लगातार चर्चा में है। लखनऊ में एटीएस ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से रह रही एक विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया। अधिकारियों का कहना है कि राज्य में अवैध गतिविधियों पर सख्त नजर रखते हुए ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे।

दिल्ली में भी प्रशासनिक ढांचे को सुचारू बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। राजधानी के कई विभागों में ई-ऑफिस सिस्टम को अनिवार्य किया गया है, जिससे आम लोगों की शिकायतों का निस्तारण तेज होने की उम्मीद है।

इन सभी निर्णयों को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि देश की शासन प्रणाली में तेजी से बदलाव हो रहा है और आगामी महीनों में इसके और भी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

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