कोलकाता/मेहसाणा, 28 नवंबर : निर्वाचन आयोग द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और गुजरात के मेहसाणा में एक-एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) के तौर पर तैनात प्राथमिकी शिक्षक की हृदयाघात से मौत का मामला सामने आया है। इन घटनाओं के बाद बीएलओ पर अत्यधिक कार्य दबाव होने के आरोप लगने लगे हैं।
पश्चिम बंगाल में चार नवंबर को शुरू हुई एसआई प्रक्रिया के बाद बीएलओ की मौत का यह चौथा मामला है। इस मुद्दे पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को दिल्ली में निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और आरोप लगाया कि संवैधानिक निकाय के हाथ ‘खून से सने’ हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ”ये देशवासियों के खिलाफ एक बहुत बड़ी साजिश है, जो नागरिकों को अंग्रेजों की गुलामी से भी खराब स्थिति में ले जाएगी’’।
गुजरात में मेहसाणा के सतलासना पुलिस थाने के उपनिरीक्षक उदयसिंह जाला ने बताया कि जिले के सुदासना गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक दिनेश रावल (50) की बृहस्पतिवार रात उनके घर पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
विपक्षी कांग्रेस और शिक्षक संघ ने आरोप लगाया है कि बीएलओ की मौत अत्यधिक काम के दबाव और सुविधाओं की कमी के कारण हुई है। हालांकि पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने आरोप लगाया कि बीएलओ पर निर्धारित कार्य समय पर पूरा करने का भारी दबाव है। गुजरात राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिग्विजयसिंह जडेजा ने दावा किया कि उन्हें अन्य शिक्षकों से जानकारी मिली है कि रावल बीएलओ संबंधी कार्यों के कारण दबाव में थे।
पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद जिले के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक एवं बीएलओ जाकिर हुसैन की भी बृहस्पतिवार को मौत हो गई। परिवार ने बताया कि हुसैन बृहस्पतिवार दोपहर को सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद बेहोश हो गए और उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात उनकी मृत्यु हो गई।
परिजनों ने दावा किया कि हुसैन पर एसआईआर की ड्यूटी और नियमित शिक्षण कार्य को लेकर ”अत्यधिक दबाव’’ था।
उन्होंने आरोप लगाया कि हुसैन अत्याधिक तनाव में थे क्योंकि अधिकारियों ने बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्हें कार्यमुक्त करने से इनकार कर दिया, जिससे उन्हें दोनों जिम्मेदारियां एक साथ निभानी पड़ रही थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने निर्वाचन आयोग पर बीएलओ पर ‘अमानवीय’ और ‘अनियोजित’ कार्यभार डालने का आरोप लगाया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि बीएलओ द्वारा महसूस किया जा रहा तनाव निर्वाचन आयोग के निर्देशों से नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ तृणमूल की ओर से डाले जा रहे राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव की वजह से है।
दिन में राज्यसभा नेता डेरेक ओब्रायन के नेतृत्व में 10 सदस्यीय तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा, शताब्दी रॉय, कल्याण बनर्जी, प्रतिमा मंडल, सजदा अहमद और राज्यसभा सदस्य डोला सेन, ममता ठाकुर, साकेत गोखले और प्रकाश चिक बारिक शामिल थे।
ओब्रायन ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि पार्टी ने पांच प्रश्न उठाए, लेकिन मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने उनमें से किसी का भी जवाब नहीं दिया।
ओब्रायन ने कहा, “हमने बैठक की शुरुआत ही यह कहते हुए की कि सीईसी के हाथ खून से सने हैं। हमने पांच सवाल उठाए। इसके बाद करीब 40 मिनट में कल्याण बनर्जी, महुआ मोइत्रा और ममता बाला ठाकुर ने अपनी बात रखी और जो कहना था वो कहा।”
उन्होंने कहा, “इसके बाद सीईसी ने एक घंटे तक बिना रुके बात की। जब हम बोल रहे थे, तब हमें भी नहीं टोका गया, लेकिन हमें हमारे पांच सवालों में से किसी का भी जवाब नहीं मिला।”
लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर उन्हें 40 ऐसे लोगों की सूची सौंपी, जिनकी मौत कथित तौर पर एसआईआर प्रक्रिया से जुड़ी थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि आयोग ने इन्हें केवल ‘आरोप’ कहकर खारिज कर दिया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को “एक्स” पर एसआईआर प्रक्रिया का 20 सेकंड का एक वीडियो साझा करते हुए एक पोस्ट में कहा, “ये लोकतंत्र के साथ धोखाधड़ी है। जनता जागरुक हो। आज वोट काटा जा रहा है, कल को खेत-जमीन-मकान-राशन-जाति-आरक्षण से नाम काटा जाएगा। फिर बात खातों और मध्यम वर्ग के लॉकर तक पहुंच जाएगी।”
उन्होंने विपक्षी दलों के साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भाजपा के सहयोगी दलों का आ’’ान करते हुए कहा, ”हमारी सभी विपक्षी दलों और यहां तक कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सभी सहयोगी दलों से अपील है कि एकजुट हों और भाजपा के इस महा-षड्यंत्र का पर्दाफाश करें।”
यादव ने अपने लंबे पोस्ट में कहा, “ये देशवासियों के खिलाफ एक बहुत बड़ी साजिश है, जो अंग्रेजों की गुलामी से भी खराब स्थिति में ले जाएगी। ये समय जागने का है और एक-एक वोट बचाने का है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा मुखिया अपने पोस्ट के माध्यम से जनता-जनार्दन में भय और भ्रम फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उसमे वह सफल होने वाले नहीं हैं।
इस बीच, निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि लक्षद्वीप मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) गणना प्रपत्रों का शत प्रतिशत वितरण और डिजिटलीकरण पूरा करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।
एसआईआर प्रक्रिया के दौरान दो और बीएलओ की मौत, तृणमूल ने निर्वाचन आयोग की आलोचना की
