लखनऊ, 26 नवंबर — उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है और यह देश की विविधता को एकता में बाँधने वाला दस्तावेज है।
मुख्यमंत्री ने संविधान की मूल प्रति को लेकर बताया कि जब बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की समिति ने इसे संविधान सभा के सामने प्रस्तुत किया था, तब भी उनका मानना था कि संविधान एक मार्गदर्शिका के रूप में भारत की विविधताओं को एकता में बदलने में नेतृत्व करेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोकभवन में संविधान दिवस कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना का सशपथ पाठन कराया। कार्यक्रम से पूर्व अतिथियों ने भारत मां और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम के दौरान एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से 2015 से पूरे देश में हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि 1946 में संविधान सभा के चुनाव के बाद गठित संविधान सभा ने भारत के संविधान का निर्माण किया और डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में बनी इस सभा ने अलग-अलग कमेटियां बनाई थीं। इनमें संविधान की ड्रॉफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज हर संस्था और पंचायत में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने का प्रयास किया जा रहा है। 2015 में संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हममें से हर व्यक्ति स्वतंत्र भारत का नागरिक है, लेकिन स्वतंत्रता की वास्तविक कीमत भुला दी गई है, क्योंकि हमने स्वाधीनता की लड़ाई को अपनी आंखों से नहीं देखा।”
योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि संविधान न केवल कागज का दस्तावेज है, बल्कि यह देश की विविधताओं को एक सूत्र में बांधकर सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र की नींव सुनिश्चित करता है।
