अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को यहां भव्य रोड शो करेंगे और इसके बाद राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर केसरिया धर्मध्वज फहराएंगे। मंदिर निर्माण की औपचारिक पूर्णता के प्रतीक के रूप में किए जा रहे इस ध्वजारोहण कार्यक्रम को अत्यंत धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री के आगमन से पहले अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ा दिया गया है। शहर में बैरिकेडिंग, ड्रोन निगरानी और विशेष यातायात प्रबंधन लागू किया गया है। कार्यक्रम में लगभग 6,000 से 7,000 विशेष मेहमानों के शामिल होने की संभावना है। रोड शो रामपथ से होते हुए हनुमानगढ़ी और फिर मंदिर परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार तक पहुंचेगा, जहां उत्साह और श्रद्धा से भरे हजारों भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है।
मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज 10×20 फीट का है, जिसमें सूर्य चिह्न, “ॐ” और कोविदार वृक्ष का प्रतीक अंकित है। यह ध्वज ‘विवाह पंचमी’ के पावन अवसर पर फहराया जाएगा, जो इसे और अधिक आध्यात्मिक महत्व प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान सप्तमंदिर परिसर का भी दर्शन करेंगे, जिसमें ऋषि वशिष्ठ, वाल्मीकि, विष्वामित्र और शबरी से जुड़े मंदिर शामिल हैं।
धार्मिक आयोजनों के बीच अयोध्या में उत्सव जैसा माहौल है। स्थानीय लोगों और दूर-दराज़ से आए श्रद्धालुओं में उत्साह का संचार है। यह कार्यक्रम न सिर्फ राम मंदिर निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और आस्था का भी शक्तिशाली संदेश देता है।
