पटना, 19 नवंबर। बिहार की राजनीति में बुधवार का दिन बड़े बदलावों वाला साबित हुआ। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रमुख नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलकर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग/एनडीए) के विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपते हुए नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया।
राजभवन सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नीतीश कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि नई सरकार के गठन तक वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में पद पर बने रहें।
नीतीश कुमार के साथ भाजपा नेता सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी राज्यपाल से मिलने पहुंचे। गठबंधन नेताओं ने राज्यपाल से आग्रह किया कि राजग के पास विधानसभा में स्पष्ट बहुमत है, इसलिए उन्हें सरकार बनाने का अवसर दिया जाए।
इससे पहले बुधवार सुबह आयोजित राजग विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से गठबंधन का नेता चुना गया। भाजपा विधायक दल के नेता सम्राट चौधरी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे जदयू और अन्य सहयोगी दलों के विधायकों ने समर्थन दिया। इसके साथ ही नीतीश कुमार के दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता औपचारिक रूप से साफ हो गया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने जानकारी दी कि शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 75 वर्षीय नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
जदयू और भाजपा ने दिन में अपने-अपने विधायक दलों की बैठकें भी कीं। जदयू विधायकों ने नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना, जबकि भाजपा विधायकों ने सम्राट चौधरी को नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता के रूप में चुना।
बैठक में मौजूद केंद्रीय पर्यवेक्षक केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है। भाजपा नेता विजय सिन्हा ने कहा कि नेतृत्व द्वारा जताए गए विश्वास पर वे खरा उतरने का प्रयास करेंगे और “सुशासन से समृद्धि” के संकल्प को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जनता ने भारी बहुमत देकर एनडीए को चुना है और अब विधायक दल ने भी सर्वसम्मति से अपना नेता तय कर दिया है।
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है, जिसमें भाजपा 89 सीटों के साथ पहली बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
