लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय से जारी रिपोर्ट के बाद श्री जय नारायण मिश्र पीजी कॉलेज (केकेसी कॉलेज) में पिछले ढाई वर्षों से चली आ रही प्राचार्य पद की रस्साकशी आखिरकार समाप्त हो गई है। कॉलेज प्रबंधन ने विश्वविद्यालय से प्राप्त आदेश के आधार पर प्रो. विनोद चंद्रा को प्राचार्य पद से हटा दिया है। उनकी जगह कॉलेज के उप-प्राचार्य रहे प्रो. के.के. शुक्ला को सोमवार को कार्यभार सौंपा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 30 जून 2021 को डॉ. मीता शाह के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रो. विनोद चंद्रा को कार्यवाहक प्राचार्य बनाया गया था। लेकिन वरिष्ठता को लेकर विवाद तब गहरा गया जब 26 जून 2023 को उप प्राचार्य प्रो. के.के. शुक्ला ने लखनऊ विश्वविद्यालय को रिपोर्ट भेजकर दावा किया कि प्रस्तुत वरिष्ठता सूची गलत है और वास्तविक वरिष्ठता के आधार पर वही प्राचार्य पद के पात्र हैं।
विश्वविद्यालय ने लगभग ढाई वर्ष की जांच के बाद हाल ही में अपनी रिपोर्ट अंतिम रूप से कॉलेज प्रबंधन को भेजी। कुलपति प्रो. मनुका खन्ना द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद मैनेजमेंट कमेटी ने प्रो. शुक्ला को प्राचार्य नियुक्त करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही प्रो. विनोद चंद्रा का कार्यकाल समाप्त कर दिया गया है। हालांकि माना जा रहा है कि प्रो. चंद्रा न्यायालय की शरण लेकर इस निर्णय को चुनौती दे सकते हैं।
इधर कॉलेज में चल रहे वार्षिक समारोह के बीच इस बदलाव से शिक्षकों और छात्रों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसी क्रम में मंगलवार को अनेक छात्र नेताओं और पूर्व विद्यार्थियों ने प्रो. के.के. शुक्ला से भेंट कर उन्हें नई जिम्मेदारी संभालने पर शुभकामनाएं दीं। छात्र नेता अभय सिंह ने कहा कि प्रो. शुक्ला के नेतृत्व में कॉलेज नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा और महाविद्यालय का आने वाला समय स्वर्णिम साबित होगा।
प्रशासनिक बदलाव के बाद अब कॉलेज प्रबंधन आगामी कार्यक्रमों को सुचारू रूप से पूरा कराने की तैयारी में जुट गया है।
