सोनभद्र खदान हादसा: राहत–बचाव जारी, अवैध खनन माफिया पर कार्रवाई तेज

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा स्थित बिल्ली–मारकुंडी खदान में हुए भीषण हादसे को लेकर पूरे प्रदेश में चिंता गहरी हो गई है। खदान धंसने की यह घटना अचानक हुई, जब दर्जनों मजदूर अंदर काम कर रहे थे। अब तक रेस्क्यू टीमों ने कई शवों को बाहर निकाला है, जबकि अभी भी कई मजदूरों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।

रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है और NDRF–SDRF की संयुक्त टीमें दिन–रात काम कर रही हैं। खदान के अंदर कई हिस्सों में मलबा बेहद कठोर हो चुका है, जिसकी वजह से मशीनें भी सीमित गति से चल रही हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि खदान की गहराई और संकरी सुरंगें बचाव कार्य को और मुश्किल बना रही हैं। ड्रोन कैमरा, थर्मल स्कैनिंग और सेंसर टेक्नोलॉजी की मदद से अंदर संभावित जीवित संकेतों को तलाशा जा रहा है।

इस हादसे ने पूरे इलाके में फैले अवैध खनन नेटवर्क और भ्रष्टाचार को भी उजागर कर दिया है। प्रारंभिक जांच के अनुसार कई सुरक्षात्मक मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। प्रशासन ने खनन कंपनी कृष्णा माइनिंग के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज कर ली है। कई अधिकारियों से पूछताछ शुरू हो चुकी है, और सरकार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के लिए सहायता की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को राहत–बचाव अभियान को तेज करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए खनन क्षेत्र में कड़े नियम लागू करने के निर्देश दिए हैं।

 

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