उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा क्षेत्र स्थित बिल्ली–मारकुंडी खदान में हुई भीषण दुर्घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। सोमवार सुबह अचानक खदान धंसने से कई मजदूर भीतर फंस गए। प्रशासन ने तुरंत राहत-बचाव कार्य शुरू कराया, लेकिन मलबा भारी होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। अब तक कई मजदूरों के दबे होने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि रेस्क्यू टीमों ने मलबे से कई शव बरामद किए हैं।
घटना के बाद जिला प्रशासन, पुलिस, NDRF और SDRF की टीमें मौके पर डटी हैं। बचाव दल ड्रोन कैमरा, हाइटेक सेंसर और थर्मल स्कैनर की मदद से अंदर फंसे लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। रातभर चलाए गए ऑपरेशन में मशीनों के सहारे मलबा हटाया जा रहा है, पर खदान की संरचना अस्थिर होने से रेस्क्यू में और भी जोखिम बढ़ गया है।
इस हादसे ने क्षेत्र में फैले अवैध खनन के बड़े सिंडिकेट की पोल खोल दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि खदान में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता था। प्रशासन ने खनन से जुड़ी कंपनी कृष्णा माइनिंग पर गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है। अधिकारियों से भी जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी और ऐसे मामलों को रोकने के लिए खनन क्षेत्र की निगरानी और कड़ी की जाएगी।
यह हादसा सोनभद्र में चल रहे खनन नेटवर्क पर गंभीर सवाल खड़े करता है और कठोर कदमों की मांग को तेज कर रहा है।
