दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में हुए कार बम विस्फोट मामले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एक बड़ी सफलता मिली है। एजेंसी ने इस आतंकवादी हमले में शामिल एक महत्वपूर्ण सहयोगी आमिर राशिद अली को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तार — मामले की जांच को निर्णायक मोड़ देने वाली मानी जा रही है।
इस हमले में 10 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 32 लोग घायल हुए थे। जांच में सामने आया है कि हमलावरों ने कार में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाकर उसे विस्फोटित किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए लगातार रेड, तलाशी और तकनीकी विश्लेषण कर रही है।
एनआईए के अनुसार गिरफ्तार आरोपी आमिर राशिद अली, कश्मीर के पंपोर स्थित संबूरा का रहने वाला है। आरोप है कि उसने आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर इस हमले की योजना बनाई थी। जांच से यह भी स्पष्ट हुआ है कि आमिर दिल्ली उस कार को खरीदने आया था, जिसका उपयोग इस आतंकी हमले में किया गया। इसी कार में IED लगाकर धमाका किया गया था।
फोरेंसिक जांच में कार के चालक के रूप में मारे गए आत्मघाती हमलावर की पहचान उमर उन नबी, निवासी पुलवामा, जम्मू-कश्मीर, के रूप में हुई है। वह फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में जनरल मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था। एनआईए ने नबी से जुड़े एक अन्य वाहन को भी जब्त कर लिया है, जिसका तकनीकी परीक्षण जारी है।
जांच एजेंसी अब तक 73 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है, जिनमें धमाके में घायल कई लोग शामिल हैं। एनआईए दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा, यूपी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर इस आतंकी साजिश के नेटवर्क को उजागर करने में लगी है। एजेंसी का कहना है कि यह हमला एक बड़े मॉड्यूल की ओर इशारा करता है और अन्य सहयोगियों की तलाश जारी है।
