पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। सरकार ने 1 नवंबर से पूर्वी यूपी के सभी प्रमुख जिलों में खरीफ धान की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे पहले पश्चिमी यूपी में 1 अक्टूबर से खरीद आरंभ की गई थी। अब पूर्वी यूपी के किसानों को भी सीधे सरकारी खरीद केंद्रों पर अपना धान बेचने का अवसर मिलेगा।
इस वर्ष केंद्र सरकार ने साधारण धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,369 प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि ग्रेड-A धान के लिए MSP ₹2,389 प्रति क्विंटल है। सरकार के अनुसार धान खरीद में पारदर्शिता बढ़ाने और बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने के लिए सभी खरीद केंद्रों पर डिजिटल तौल, ऑनलाइन भुगतान और किसान पंजीकरण की व्यवस्था को और सख्त किया गया है।
पूर्वी यूपी में धान खरीद सबसे अधिक वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, आज़मगढ़, देवरिया, बलिया, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, जौनपुर और चंदौली जिलों में होती है। इन जिलों के हजारों किसान हर साल सरकारी खरीद पर निर्भर रहते हैं।
इस बार बारिश और मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण कुछ जिलों में उत्पादन थोड़ा प्रभावित हुआ है, लेकिन सरकार ने आश्वासन दिया है कि सीज़न के दौरान जितना भी धान आएगा, उसे MSP पर खरीदा जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने सभी मंडियों और खरीद केंद्रों पर अधिकारियों की तैनाती की है ताकि किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो।
इसके अलावा, किसानों की समस्या और भ्रष्टाचार की शिकायतों के समाधान के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं और हर जिले में निरीक्षण टीमें लगाई गई हैं। सरकार का लक्ष्य इस खरीफ सीज़न में पूर्वी और पश्चिमी यूपी मिलाकर 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का है।
किसानों को उम्मीद है कि इस सीज़न में समय पर भुगतान और सुचारू व्यवस्था से उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी, जबकि सरकार का दावा है कि यह पूरी प्रक्रिया राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार देगी।
