मुंबई में बढ़ती ट्रैफिक भीड़ और प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) और मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने संयुक्त रूप से एक नई कार्ययोजना लागू की है। महानगर में पिछले कुछ हफ्तों से AQI “मॉडरेट से पुअर” श्रेणी में बना हुआ है, जिसकी वजह बढ़ता वाहन दबाव, निर्माण कार्य और मौसम में नमी मानी जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन अब शहरभर में धूल और धुएं को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।BMC ने सभी निर्माण कंपनियों को साइटों पर धूल रोकने वाले नेट, एंटी-स्मॉग गन और नियमित पानी छिड़काव को अनिवार्य कर दिया है। नियमों का पालन न करने पर तीन स्थानों पर कार्रवाई करते हुए करीब 10 लाख रुपये के जुर्माने भी लगाए गए हैं। वहीं, शहर में बड़ी संख्या में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट—कोस्टल रोड, मेट्रो कॉरिडोर और रोड रिपेयरिंग—पर विशेष निगरानी के लिए अधिकारियों की अलग टीमें तैनात कर दी गई हैं।मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने भी मुख्य जंक्शनों पर चेकिंग बढ़ा दी है। पुराने और धुआँ छोड़ने वाले वाहनों पर त्वरित चालान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे, वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे और बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए समय-आधारित डायवर्ट प्लान तैयार किया गया है।स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को सुबह-शाम धूलभरी हवा से बचने और जरूरत पड़ने पर मास्क पहनने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में समुद्री हवाओं का रुख बदले तो प्रदूषण स्तर में हल्का सुधार हो सकता है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए सख्त निगरानी और नियमों का पालन बेहद जरूरी है।प्रशासन की यह संयुक्त कार्रवाई दिखाती है कि मुंबई आने वाले दिनों में प्रदूषण और ट्रैफिक से राहत दिलाने के लिए गंभीरता से काम कर रहा है।
