दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण ने राजधानी की हवा को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है। पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण के कारण शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) “बहुत खराब” श्रेणी में बना हुआ है। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 15 नवंबर से सरकारी कर्मचारियों के लिए स्टैगरड वर्किंग ऑवर्स लागू करने की घोषणा की है। इसका उद्देश्य सड़क पर वाहनों की संख्या को कम करना और ट्रैफिक को नियंत्रित कर प्रदूषण में आ रही बढ़ोतरी को रोकना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुबह के समय सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम और वाहन उत्सर्जन बढ़ता है, जिससे प्रदूषण का स्तर अचानक उछाल मारता है। अलग-अलग सरकारी विभागों के कर्मचारियों के प्रवेश समय में बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि सभी लोग एक साथ सड़क पर न निकलें। इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी दबाव कम होगा और सड़क पर वाहन संख्या घटने की उम्मीद है।
दिल्ली सरकार के इस फैसले को विशेषज्ञों ने एक प्रभावी कदम बताया है, हालांकि उनका मानना है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ ट्रैफिक प्रबंधन काफी नहीं होगा। निर्माण गतिविधियों पर सख्ती, औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण और पराली जलाने से हो रहे धुएं पर निगरानी जैसे कदम भी ज़रूरी हैं।
इधर, बढ़ते प्रदूषण के बीच अस्पतालों में सांस और आंखों की जलन की शिकायतें बढ़ने लगी हैं। डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को बाहर कम निकलने की सलाह दी है। सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए आगे और कदम उठाने के संकेत भी दिए हैं।
