जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में मंगलवार देर रात हुए भीषण विस्फोट ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 पुलिसकर्मियों समेत कुल 32 लोग घायल हुए हैं। घायलों में दो राजस्व अधिकारी और तीन स्थानीय नागरिक भी शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि धमाका एक फॉरेंसिक प्रक्रिया के दौरान हुआ, जिससे पुलिस स्टेशन की इमारत और आसपास के ढांचे को भारी नुकसान पहुँचा है।
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (जम्मू-कश्मीर प्रभाग) प्रशांत लोखंडे ने बताया कि विस्फोट लगभग रात 11:20 बजे उस समय हुआ, जब पुलिस एक आतंकी मॉड्यूल से संबंधित बरामद विस्फोटकों के सैंपल लेने की प्रक्रिया में लगी थी। हाल ही में हरियाणा के फरीदाबाद से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और रसायन बरामद किए गए थे, जिन्हें मानक प्रक्रिया के तहत नौगाम पुलिस स्टेशन के खुले क्षेत्र में सुरक्षित रूप से रखा गया था। फॉरेंसिक जांच के लिए सैंपल तैयार किए जा रहे थे, तभी एक आकस्मिक विस्फोट हो गया।
लोखंडे ने बताया कि बरामद सामग्री अत्यंत संवेदनशील और अस्थिर प्रकृति की थी। इसी कारण अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त सावधानी बरतने की कोशिश की जा रही थी। बावजूद इसके, सैंपल लेने की प्रक्रिया के दौरान अचानक हुए धमाके ने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों को अपनी चपेट में ले लिया। उन्होंने बताया कि धमाका इतना तेज था कि पुलिस स्टेशन के कुछ हिस्से ध्वस्त हो गए और आसपास की कई संरचनाएँ भी प्रभावित हुईं।
घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहाँ कई की हालत गंभीर बनी हुई है। सुरक्षा एजेंसियों और फॉरेंसिक टीमों ने घटनास्थल को सील कर दिया है और धमाके के वास्तविक कारणों की विस्तृत जांच जारी है।
केंद्र सरकार ने मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। गृह मंत्रालय ने लोगों से अफवाहों से दूर रहने और किसी भी तरह की कयासबाजी से बचने की अपील की है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह घटना प्रारंभिक तौर पर आकस्मिक विस्फोट प्रतीत होती है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा।
