जम्मू-कश्मीर: दिल्ली विस्फोट के आरोपी का घर गिराने पर उमर अब्दुल्ला ने उठाए सवाल

जम्मू, 14 नवंबर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में हुए विस्फोट से जुड़े आरोपी डॉ. उमर नबी के घर को ध्वस्त किए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसे उपाय आतंकवाद पर अंकुश लगाने में मदद नहीं करते, बल्कि इससे जनता में गुस्सा और आक्रोश बढ़ने का खतरा है।

मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी जम्मू के बाहरी इलाके मुथी में एक नवनिर्मित एस्टेट फ्लैट के उद्घाटन के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में की। उन्होंने कहा, “अगर घरों को ध्वस्त करने से आतंकवाद रुक सकता, तो यह अब तक रुक गया होता। पहलगाम हमले के बाद भी कई घर उड़ाए गए, लेकिन आतंकवादी घटनाएं जारी रहीं। ऐसी कार्रवाइयों से गुस्सा और आक्रोश बढ़ता है।”

उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि ऐसे फैसले लेने वालों को आत्मचिंतन करना चाहिए। उनके अनुसार, निर्णयकर्ताओं को यह देखना चाहिए कि क्या इन कदमों से आतंकवाद पर प्रभाव पड़ा या नहीं। उन्होंने अपने छह साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि सुरक्षा उपायों के बावजूद नागरिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए बिना आतंकवाद पर नियंत्रण संभव था।

सुरक्षाबलों ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि में पुलवामा जिले में डॉ. उमर नबी के घर को ध्वस्त किया। उमर, विस्फोटकों से भरी हुंडई आई20 कार चला रहा था। विस्फोट स्थल से लिए गए डीएनए नमूनों की जांच में उसकी पहचान उसकी माँ से मेल खाने के आधार पर हुई। इस विस्फोट में लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास कम से कम 13 लोग मारे गए।

इससे पहले, 24 अप्रैल को सुरक्षाबलों ने बिजबेहरा में आदिल अहमद थोकर के घर को ध्वस्त किया था, जो पहलगाम हमले के संदिग्धों में शामिल था।

उमर अब्दुल्ला ने चेताया कि समान कार्रवाई बार-बार करने से हिंसा नहीं रुकेगी, बल्कि इससे स्थानीय जनता में आक्रोश और नफरत बढ़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि सही रणनीति और संवेदनशीलता के साथ सुरक्षा उपाय लागू करने से आतंकवाद पर नियंत्रण पाया जा सकता है, जबकि निर्दिष्ट घरों को उड़ाने जैसी कार्रवाई केवल विवाद और असंतोष बढ़ाती है।

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