बाराबंकी (उप्र), 11 नवंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बाराबंकी में आयोजित जनसभा में कहा कि “जो कोई भी वंदे मातरम का विरोध कर रहा है, वह वास्तव में भारत माता का विरोध कर रहा है।” मुख्यमंत्री बाराबंकी में 1,734 करोड़ रुपये की 254 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने पहुंचे थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वंदे मातरम किसी विशेष व्यक्ति, जाति या क्षेत्र के लिए नहीं है, बल्कि यह भारत माता के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का प्रतीक है। उन्होंने देशवासियों से कहा कि उन्हें उन लोगों को पहचानना चाहिए जो सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आगे रहते हैं लेकिन वंदे मातरम गाने से इनकार करते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देवी सरस्वती, देवी लक्ष्मी और देवी दुर्गा की पूजा करने से भारत और भारतीयता को आगे बढ़ाने की शक्ति मिलती है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कोई मत, मजहब या जाति राष्ट्र से ऊपर नहीं हो सकती और राष्ट्र प्रथम होना चाहिए। उनका कहना था कि वंदे मातरम का विरोध राष्ट्रीय एकता की राह में सबसे बड़ी बाधा है।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य सरकार ने सोमवार को सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों में वंदे मातरम गाने को अनिवार्य कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में समारोह का उद्घाटन किया था और 1937 में कुछ छंद हटाने के निर्णय को विभाजन के बीज बोने वाला बताया था।
मुख्यमंत्री ने जाति, वंशवाद, क्षेत्रवाद और धर्म के नाम पर विभाजन की राजनीति को खारिज करते हुए कहा कि इतिहास केवल अध्ययन के लिए नहीं है, बल्कि आत्मनिरीक्षण का अवसर भी देता है। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास की गलतियों को सुधारते हुए गौरवशाली क्षणों से प्रेरणा लेकर भविष्य को सुंदर बनाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह के तहत कुर्सी विधानसभा क्षेत्र से “राष्ट्रीय एकता यात्रा” की शुरुआत करने वाले कार्यक्रम में भाग लेने भी आए थे। योगी आदित्यनाथ का यह संदेश स्पष्ट रूप से राष्ट्रवाद और एकता पर केंद्रित था, जिसमें उन्होंने विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ-साथ राष्ट्रीय प्रतीकों और भावनाओं को भी प्रमुखता दी।
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