नई दिल्ली/श्रीनगर, 11 नवंबर : राजधानी दिल्ली सोमवार शाम उस समय दहल उठी जब ऐतिहासिक लाल किले के पास एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ। इस धमाके में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विस्फोट में इस्तेमाल हुई हुंदै आई20 कार को पुलवामा के डॉक्टर उमर नबी चला रहे थे, जिनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस ने इस पूरे मामले को संभावित आतंकी हमला मानते हुए जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी है।
पुलवामा के डॉक्टर पर शक की सुई
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि डॉ. उमर नबी, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथपोरा क्षेत्र के निवासी थे। वे फरीदाबाद स्थित अल फला विश्वविद्यालय से जुड़े हुए थे, जहाँ वे संकाय सदस्य के रूप में कार्यरत थे। अधिकारियों का कहना है कि उमर का संबंध फरीदाबाद स्थित आतंकवादी मॉड्यूल से था, जिसका पर्दाफाश सोमवार को हुआ था। इस मॉड्यूल से करीब 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, मुख्यतः अमोनियम नाइट्रेट, बरामद की गई थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर संभवतः अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डेटोनेटर ले जा रहे थे। यह संभावना भी जताई जा रही है कि यह आत्मघाती हमला हो सकता है, क्योंकि कार के विस्फोट में चालक के अवशेष मिले हैं। श्रीनगर में अधिकारियों ने बताया कि उमर की पहचान पक्की करने के लिए उनकी मां का डीएनए नमूना लिया गया है और उसे घटनास्थल से मिले अवशेषों से मिलाया जा रहा है।
सफेदपोश आतंकी नेटवर्क का खुलासा
दिल्ली विस्फोट से कुछ ही घंटे पहले हरियाणा के फरीदाबाद में पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक “सफेदपोश” आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। इस मॉड्यूल से तीन डॉक्टर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार डॉक्टरों में डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद के नाम शामिल हैं। शाहीन, जांच के अनुसार, भारत में जैश की महिला भर्ती शाखा की प्रमुख थी और जमात-उल-मोमिनात नामक संगठन का नेतृत्व कर रही थी।
अधिकारियों के अनुसार, उमर नबी का संपर्क इसी नेटवर्क से था। जांच में यह भी सामने आया है कि वह इन गिरफ्तार चिकित्सकों के साथ अल फला विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे। माना जा रहा है कि अपने साथियों की गिरफ्तारी के बाद उमर को अपने पकड़े जाने का डर सताने लगा था, और इसी घबराहट में उसने यह कदम उठाया।
विस्फोट की गूंज और सुरक्षा अलर्ट
सोमवार शाम को जैसे ही लाल किले के पास कार में विस्फोट हुआ, पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। सीसीटीवी फुटेज में “मास्क पहने व्यक्ति” को कार चलाते हुए देखा गया है। पुलिस ने बताया कि विस्फोट से कुछ घंटे पहले वह कार तीन घंटे तक पास की पार्किंग में खड़ी रही।
विस्फोट के बाद दिल्ली पुलिस, एनआईए और खुफिया एजेंसियों की कई टीमें दिल्ली से लेकर कश्मीर तक फैलीं। कश्मीर में की गई छापेमारी में चार लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से दो को दिल्ली लाकर संयुक्त पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। राजधानी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। दिल्ली की सभी सीमाओं, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
जांच का दायरा बढ़ा
पुलिस ने बताया कि कार दरियागंज और पहाड़गंज इलाके से होकर लाल किले की ओर आई थी। इन दोनों इलाकों के होटलों और गेस्ट हाउसों में रातभर तलाशी अभियान चलाया गया। सीसीटीवी फुटेज की मदद से कार की हर मूवमेंट को ट्रैक किया जा रहा है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं—क्या यह आत्मघाती हमला था या कार को रिमोट से उड़ा दिया गया।”
वहीं, पुलवामा से एक व्यक्ति तारिक को गिरफ्तार किया गया है, जिसने कथित तौर पर उमर को हुंदै आई20 कार उपलब्ध कराई थी। तारिक से पूछताछ जारी है।
परिवार में सन्नाटा
उमर के परिवार का कहना है कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बेटा किसी आतंकी गतिविधि में शामिल हो सकता है। उनकी भाभी मुजम्मिल ने बताया, “उमर बचपन से अंतर्मुखी था। वह हमेशा अपनी पढ़ाई और काम में लगा रहता था। उसने शुक्रवार को कहा था कि वह परीक्षाओं में व्यस्त है और तीन दिन बाद घर लौटेगा।”
मुजम्मिल ने बताया कि उमर दो महीने पहले ही कश्मीर गया था और आमतौर पर अकेले रहना पसंद करता था।
मृतक और घायलों की पहचान
विस्फोट में मारे गए लोगों में उत्तर प्रदेश के अमरोहा निवासी अशोक कुमार (34) और दिल्ली के अमर कटारिया (35) की पहचान हो चुकी है। अन्य शवों की पहचान डीएनए जांच के जरिए की जा रही है। घायलों में 12 दिल्ली निवासी हैं, जबकि अन्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कार के क्षत-विक्षत अवशेषों से एक जला हुआ शव बरामद किया गया है, जो संभवतः चालक उमर का हो सकता है।
राजधानी में सख्त सुरक्षा व्यवस्था
विस्फोट के बाद दिल्ली यातायात पुलिस ने लाल किला मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है। इलाके में यातायात पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। पुलिस ने सुबह छह बजे से अगले आदेश तक लाल किला, चांदनी चौक, दरियागंज और आईटीओ के आसपास के रास्तों से बचने की सलाह दी है।
हर वाहन, चाहे निजी हो या व्यावसायिक, को सीमा बिंदुओं पर पूरी तरह से जांच के बाद ही दिल्ली में प्रवेश दिया जा रहा है।
एनआईए ने संभाली जांच
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद जांच को एनआईए को सौंप दिया गया है। एनआईए की टीम ने दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों के साथ संयुक्त जांच शुरू कर दी है। विस्फोट में इस्तेमाल हुए रासायनिक पदार्थों की जांच एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) में की जा रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, शुरुआती विश्लेषण से पता चलता है कि कार में अमोनियम नाइट्रेट और ईंधन तेल का घातक मिश्रण था। इससे यह स्पष्ट होता है कि विस्फोट की योजना संगठित आतंकी नेटवर्क ने बनाई थी।
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