कराची , 16 अक्टूबर- पाकिस्तान के कराची शहर के बाहरी इलाके में स्थित अफगान शरणार्थी शिविर में बुधवार को विध्वंस अभियान के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है। यह शिविर पिछले चार दशकों से सरकारी जमीन पर बसा हुआ था और अब इसे खाली कराया जा रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) तारिक मस्तोई ने जानकारी दी कि इस कार्रवाई का उद्देश्य सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराना है, क्योंकि अब तक यहां रहने वाले करीब 8000 अफगान शरणार्थी अपने वतन लौट चुके हैं और खाली पड़ी जमीन पर भूमि माफिया कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, “जब हमने आज सुबह अभियान शुरू किया तो कुछ शरारती तत्वों ने अफवाह फैलाई कि कानूनी दस्तावेजों वाले शरणार्थियों को भी निशाना बनाया जाएगा, जिससे झड़प हुई। लेकिन स्थिति को जल्द ही संभाल लिया गया और शांति बहाल हो गई।”
झड़पों के दौरान कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं। मस्तोई ने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ कंक्रीट की बनी संरचनाओं को हटाने के लिए चलाया जा रहा है, न कि किसी की पहचान या राष्ट्रीयता के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, यह शिविर लगभग 40 साल पहले 200 एकड़ सरकारी जमीन पर स्थापित किया गया था। बीते वर्षों में यहां करीब 15,000 अफगान बसे थे और उन्होंने 3000 से अधिक पक्के मकान और दुकानें बना ली थीं।
अधिकारियों का कहना है कि अभियान दो से तीन दिनों में पूरा हो जाएगा, जिसके बाद यह तय किया जाएगा कि इस भूमि का उपयोग किन विकास कार्यों या योजनाओं के लिए किया जाए।
यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव और सुरक्षा मुद्दे लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे इस अभियान को लेकर संवेदनशीलता और भी अधिक बढ़ गई है।
