चंडीगढ़, 14 अक्टूबर – हरियाणा के वरिष्ठ दलित आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार की संदिग्ध हालात में मौत के बाद मामला गरमाता जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचकर दिवंगत अधिकारी के परिवार से मुलाकात की और इसे “सभी दलितों के सम्मान से जुड़ा मामला” करार दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
राहुल गांधी ने कहा कि पूरण कुमार की आत्महत्या एक नृशंस अन्याय और प्रशासनिक उत्पीड़न का नतीजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कुमार को निशाना बनाकर वर्षों से जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान झेलना पड़ा, जिससे उनका मनोबल टूटा और उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया।
गांधी ने कहा, “यह सिर्फ एक अफसर की मौत नहीं है, यह हर दलित भाई-बहन के आत्म-सम्मान का प्रश्न है। अगर एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ ऐसा हो सकता है, तो देश के सामान्य दलितों को क्या न्याय मिलेगा?”
राहुल ने मृतक अधिकारी की पत्नी और हरियाणा सरकार की वरिष्ठ अधिकारी अमनीत पी. कुमार, उनकी बेटियों और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें समर्थन का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि कुमार के शव का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार होना चाहिए, और परिवार पर दबाव डालना बंद किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक आरोपी अधिकारी गिरफ्तार नहीं होते, न्याय की उम्मीद अधूरी रहेगी।
गौरतलब है कि कुमार ने कथित रूप से आठ पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारणिया सहित आठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। राज्य सरकार ने दबाव बढ़ने के बाद डीजीपी कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है और बिजारणिया का तबादला किया गया है।
राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “कुमार की आत्महत्या हमारे समाज और सिस्टम की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है। उनकी पत्नी और बेटियां सम्मान की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार चुप है। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, यह साफ अन्याय है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक फर्जी रिश्वत केस बनाकर पूरण कुमार की छवि को नुकसान पहुंचाया गया। उनका इशारा उस केस की ओर था जिसमें एक शराब ठेकेदार ने पूरण कुमार के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।
