भारत ने फिर दोहराई द्विपक्षीय वार्ता की नीति, पीएम मोदी सम्मेलन से रहे गैरहाजिर
शर्म अल-शेख (मिस्र), 14 अक्टूबर: मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित गाजा शांति शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच शांति की जरूरत पर जोर दिया। हालांकि, भारत ने ट्रंप के युद्धविराम करवाने के दावे को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी समझौते का रास्ता सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता से ही निकलेगा।
सम्मेलन में एक दिलचस्प पल तब आया जब ट्रंप ने मंच पर मौजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से सवाल किया – “क्या भारत और पाकिस्तान अच्छे से एक साथ नहीं रह सकते?” ट्रंप के इस सवाल पर शरीफ कुछ पल के लिए असहज नजर आए। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए सैन्य तनाव के दौरान हस्तक्षेप कर 24 घंटे में युद्धविराम करवाया था। साथ ही यह दावा भी किया कि दोनों देशों पर 200% टैरिफ की धमकी दी गई थी।
हालांकि, भारत सरकार ने इन दावों को पूरी तरह गलत बताते हुए कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच जो भी बातचीत या युद्धविराम होता है, वह केवल आपसी सहमति और बातचीत के जरिये होता है, किसी बाहरी दबाव या मध्यस्थता से नहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने इसमें हिस्सा नहीं लिया। भारत की ओर से विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने प्रतिनिधित्व किया। भारत की यह रणनीति एक बार फिर यही संकेत देती है कि वह अपने पड़ोसी देशों से संबंधों को किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के बिना, सीधे बातचीत से सुलझाना चाहता है।
भारत के इस स्पष्ट रुख ने वैश्विक मंच पर उसकी कूटनीतिक नीति को और मजबूत किया है।
