केंद्र की ब्रह्मपुत्र जलविद्युत योजना: 6.4 लाख करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में 76 गीगावाट की हाइड्रो पावर क्षमता वाली परियोजना की घोषणा की है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 6.4 लाख करोड़ रुपए होगी। सरकार का उद्देश्य न केवल भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना है, बल्कि चीन की अपस्ट्रीम परियोजनाओं के प्रभाव को संतुलित करना भी है।इस परियोजना से देश की बिजली उत्पादन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रह्मपुत्र बेसिन की जलविद्युत परियोजना भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगी और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगी। परियोजना से स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र का आधारभूत ढांचा भी विकसित होगा।केंद्र सरकार ने कहा है कि परियोजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों के सहयोग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य और केंद्र दोनों के तकनीकी संसाधनों का समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा ताकि समय पर निर्माण और संचालन हो सके।विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना भारत को हरित ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ी भूमिका निभाएगी। बिजली उत्पादन बढ़ने से औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में भी स्थिरता आएगी। इसके अलावा, चीन के अपस्ट्रीम जल प्रबंधन पर संतुलन बनाने में यह परियोजना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।इस योजना से भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी और देश की आर्थिक विकास गति में भी वृद्धि होगी। जलविद्युत परियोजना से ऊर्जा सुरक्षा और स्थिर आर्थिक वृद्धि दोनों सुनिश्चित होंगी।

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