बिहार विधानसभा चुनाव: पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू

पटना, 10 अक्टूबर — बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 121 सीटों पर शुक्रवार को नामांकन प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे और अंतिम चरण के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। मतगणना 14 नवंबर को होगी।

निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उम्मीदवार 17 अक्टूबर तक नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। नामांकन पत्रों की जांच 18 अक्टूबर को की जाएगी और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर तय की गई है।

पहले चरण में जिन जिलों में मतदान होना है, उनमें पटना, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, शेखपुरा, नालंदा, बक्सर और भोजपुर शामिल हैं।

हालांकि नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों — राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन — ने अब तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है। दोनों गठबंधनों के भीतर सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है। छोटे दल अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं, जिससे बातचीत में रुकावट आई है।

इस बीच, प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जन सुराज पार्टी ने सक्रिय पहल करते हुए 51 उम्मीदवारों की पहली सूची गुरुवार को जारी कर दी है। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पटना पहुंच चुके हैं और राजग के शीर्ष नेताओं के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए बैठकें कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, राजग में भाजपा और जदयू के बीच 101 और 102 सीटों पर समझौता हो सकता है। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की मांगों में अचानक इज़ाफा हुआ है — पहले वह 20-22 सीटों पर सहमत थी, अब 45 सीटों की मांग कर रही है।

विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में भी स्थिति साफ नहीं है। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 135–140 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है। उसने कांग्रेस को 50-52 सीटों की पेशकश की है, लेकिन कांग्रेस इससे अधिक सीटों की मांग पर अड़ी हुई है। वर्ष 2020 में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ 19 पर जीत हासिल कर पाई थी।

भाकपा (माले) लिबरेशन भी 20–25 सीटों के प्रस्ताव से असंतुष्ट है। उसने पिछली बार 19 सीटों पर चुनाव लड़कर 12 सीटें जीती थीं और इस बार वह कम से कम 30 सीटों की मांग कर रही है।

राजनीतिक दलों के भीतर बढ़ती खींचतान के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन दल समय पर उम्मीदवारों की सूची जारी कर पाते हैं या नहीं, क्योंकि नामांकन की समयसीमा तेजी से नजदीक आ रही है।

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