पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही बड़े पैमाने पर सीट बंटवारे पर अंतिम दौर की चर्चा में जुटे हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने स्पष्ट किया कि एनडीए का मुख्य चेहरा अभी भी नीतीश कुमार ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन में गठबंधन के सभी घटक दलों की राय को ध्यान में रखा जाएगा, ताकि चुनावी मुकाबले में ताकत बढ़ सके।
वहीं, महागठबंधन में कांग्रेस ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इस बार आरजेडी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। इसके तहत तेजस्वी यादव महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। कांग्रेस ने यह भी कहा कि गठबंधन की रणनीति पूरी तरह से गठबंधन के अंदर साझा की जाएगी और सभी दल मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार की राजनीति में इस बार सीट बंटवारे को लेकर होने वाली अंतिम बातचीत काफी अहम साबित होगी। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही दलों की कोशिश है कि वे अपनी ताकत वाले क्षेत्रों में अधिक से अधिक सीटें सुरक्षित करें और कमजोर पड़ने वाले क्षेत्रों में गठबंधन के बल पर स्थिति मजबूत करें। साथ ही, इस बार चुनाव में युवाओं और महिला मतदाताओं की भूमिका को विशेष रूप से ध्यान में रखा जा रहा है। दोनों गठबंधनों ने घोषणा की है कि वे रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जोर देंगे, जिससे आम जनता के साथ बेहतर संपर्क स्थापित किया जा सके। विश्लेषकों का कहना है कि बिहार की राजनीति में यह गठबंधन और सीट बंटवारा रणनीति चुनाव के नतीजों को काफी प्रभावित करेगी। वहीं जनता की प्रतिक्रिया और स्थानीय मुद्दों की अहमियत भी निर्णायक साबित हो सकती है। बिहार के मतदाताओं की निगाहें अब इन राजनीतिक समीकरणों और गठबंधन की तैयारियों पर टिकी हुई हैं। आगामी चुनाव में किस गठबंधन को जनता का समर्थन मिलेगा, यह समय ही बताएगा।
बिहार में चुनावी समीकरण: एनडीए और महागठबंधन की तैयारियाँ
