लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र में दशहरे की रात एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिसमें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के कार्यालय में तैनात कर्मचारी रवींद्र शुक्ला पर जानलेवा हमला किया गया। यह हमला 2 अक्टूबर की रात करीब 9 बजे उस वक्त हुआ, जब रवींद्र शुक्ला अपनी बेटी के साथ कार से घर लौट रहे थे।
घटना की शुरुआत एक तेज रफ्तार स्विफ्ट कार (UP 53 BC 2298) द्वारा शुक्ला की कार को टक्कर मारने से हुई। जब शुक्ला ने कार रोककर चालक से बात करने की कोशिश की, तो उसने अनदेखी करते हुए कहा, “आगे चलकर हिसाब कर लेंगे।” इस पर शुक्ला ने संदिग्ध वाहन का पीछा करते हुए कौशलपुरी और खरगापुर इलाके तक पहुंचने की कोशिश की।
बताया जा रहा है कि वहां पहुंचते ही कार चालक, जो लखनऊ पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात एक इंस्पेक्टर बताया जा रहा है, ने अपने दो बेटों के साथ मिलकर रवींद्र शुक्ला से बहस शुरू कर दी। विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने शुक्ला के साथ मारपीट शुरू कर दी। कुछ ही देर में वह व्यक्ति अपने घर से लोहे की रॉड लेकर आया और शुक्ला के सिर पर वार कर दिया। हमले में शुक्ला गंभीर रूप से घायल हो गए और सड़क पर गिर पड़े।
घटना के दौरान शुक्ला की बेटी भी मौके पर मौजूद थी, जिसे न सिर्फ धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा, बल्कि आरोपियों ने उसके साथ अभद्र व्यवहार भी किया।
स्थानीय लोगों की मदद से घायल रवींद्र शुक्ला को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। इस पूरी घटना को लेकर पीड़ित ने गोमतीनगर विस्तार थाने में लिखित तहरीर दी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
सूत्रों की मानें तो मुख्य आरोपी लखनऊ पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात है, जिससे इस मामले ने और भी गंभीर रूप ले लिया है। इस घटना ने न केवल इलाके की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पुलिस विभाग की छवि पर भी गंभीर आघात पहुंचाया है।
प्रशासन ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। वहीं आमजन के बीच यह चिंता गहराती जा रही है कि जब वीआईपी स्टाफ भी असुरक्षित हैं, तो आम लोगों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?
