इंदौर, 31 दिसंबर ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पेयजल के कारण फैले उल्टी-दस्त के प्रकोप को ‘आपात स्थिति जैसी’ बताते हुए कहा है कि इस गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बुधवार को शहर के विभिन्न अस्पतालों का दौरा कर प्रभावित मरीजों का हालचाल जाना और बाद में इस मामले को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक भी की।
मुख्यमंत्री यादव ने संवाददाताओं को बताया कि इस कांड में अब तक चार लोगों की मौत की सूचना है। उन्होंने कहा कि दूषित पेयजल के सेवन से फैला यह प्रकोप अचानक और गंभीर रूप में सामने आया, लेकिन सरकारी तंत्र के त्वरित और समन्वित प्रयासों के कारण बड़ी संख्या में मरीजों को समय पर उपचार मिल सका, जिससे स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिली।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “प्रदेश सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। इस घटना के दोषियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इंदौर शहर के सभी इलाकों में पेयजल और सीवर लाइनों के लीकेज से संबंधित शिकायतों की गहन जांच की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद नगर निगम के एक जोनल अधिकारी और एक सहायक अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक प्रभारी सब इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कार्रवाई शुरुआती जांच के आधार पर की गई है और विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में करीब 40 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई है, जिनमें 2,456 लोगों में उल्टी-दस्त के लक्षण पाए गए। इस प्रकोप के बाद 212 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था, जिनमें से 50 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। फिलहाल 162 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं और लगभग सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन में लीकेज पाया गया है, जिसके ऊपर एक शौचालय बना हुआ था। आशंका है कि इसी कारण पेयजल दूषित हुआ। मामले की गहन जांच के लिए एक आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है।
मुख्यमंत्री यादव ने यह भी कहा कि नगर निगम में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए नई नियुक्तियां की जाएंगी, ताकि शहर की बुनियादी सेवाओं की निगरानी और मजबूत की जा सके।
