गो-आश्रय स्थलों पर ठंड से बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हों : धर्मपाल सिंह

गो-आश्रय स्थलों पर ठंड से बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हों : धर्मपाल सिंह

लखनऊ, 29 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी गो-आश्रय स्थलों पर गोवंश को ठंड से बचाने के लिए त्रिपाल, अलाव सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं, ताकि ठंड से किसी भी गोवंश की मृत्यु न हो।

विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में गो-आश्रय स्थलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि पशुचिकित्साधिकारी नियमित रूप से गो-आश्रय स्थलों का भ्रमण कर गोवंश के स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं औषधियों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद स्तर के नोडल अधिकारी गो-आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करें और चारा, भूसा, पानी, प्रकाश सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

श्री सिंह ने पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के बजट की समीक्षा करते हुए कहा कि आवंटित बजट का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाए और समय से उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी मद का बजट सरेंडर नहीं होना चाहिए और योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही या उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने निर्देश दिए कि सभी अवस्थापना संबंधी कार्य फरवरी 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएं। कार्यदायी संस्थाएं मानकों और स्वीकृत लेआउट के अनुसार गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि वृहद गौ-संरक्षण केंद्रों का निर्माण तय समय सीमा में पूरा किया जाए तथा गोवंश शेड, पानी पीने की चराहियां, खड़ंजा आदि मजबूत और सुव्यवस्थित ढंग से बनाए जाएं। जिन गो-आश्रय स्थलों में अव्यवस्था या देखभाल संबंधी शिकायतें मिलें, वहां तत्काल सुधार किया जाए।

श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए गौ-संरक्षण केंद्रों की स्थापना और संचालन को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। उन्होंने इसके लिए ग्राम्य विकास विभाग और अन्य सहयोगी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिए।

दुग्ध विकास से जुड़े अधिकारियों को निर्देश देते हुए मंत्री ने कहा कि पराग उत्पादों की मार्केटिंग को और अधिक सुदृढ़ किया जाए तथा उत्पादों की गुणवत्ता से किसी भी स्तर पर समझौता न किया जाए।

बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मुकेश मेश्राम ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी और मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन का आश्वासन दिया। उन्होंने भी गो-आश्रय स्थलों पर ठंड से बचाव एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था और अवस्थापना कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

बैठक में पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री वैभव श्रीवास्तव, पशुपालन विभाग के निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डॉ. मेम पाल सिंह, निदेशक (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र) डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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