शाहजहांपुर। कांट थाना क्षेत्र के मरैना गांव में पंजीकृत फर्म सर्वश्री महादेव इंटरप्राइजेज द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआईबी) की जांच में यह खुलासा हुआ कि फर्म ने बिना किसी वास्तविक कारोबार के फर्जी बिलिंग के जरिए बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) और रिफंड का खेल खेला।
एसआईबी टीम की जांच में पाया गया कि फर्म का जमीनी स्तर पर कोई अस्तित्व नहीं है। न तो मौके पर किसी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि मिली और न ही किसी माल की आवाजाही के प्रमाण। इसके बावजूद कागजों पर फर्जी बिक्री दिखाकर आईटीसी का लाभ लिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी बिलों को दिल्ली की कई फर्मों के नाम “एक्सपोर्ट” के तौर पर दर्शाया गया, जिसके आधार पर केंद्र सरकार से नकद रिफंड प्राप्त किया गया। फर्म का पंजीकरण अप्रैल 2025 में कराया गया था और मात्र आठ महीनों में लखनऊ, एटा, हाथरस, दिल्ली और हरियाणा में सक्रिय फर्जी फर्मों के नेटवर्क के जरिए करीब 150 करोड़ रुपये के बिल बनाए गए।
इतना ही नहीं, इस फर्म से जुड़ी अन्य चेन फर्मों ने भी 70 से 80 करोड़ रुपये तक के अलग-अलग फर्जी बिल जारी किए, जिससे कुल टैक्स चोरी की राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
डिप्टी कमिश्नर एसआईबी के नेतृत्व में टीम ने फर्म के कथित व्यापार स्थल का निरीक्षण किया, जहां किसी भी प्रकार की वास्तविक गतिविधि नहीं पाई गई। पूछताछ के दौरान फर्म संचालक ने खुद को अनजान बताया, लेकिन डेटा विश्लेषण और दस्तावेजी साक्ष्यों से यह स्पष्ट हो गया कि फर्म एक संगठित बोगस आईटीसी रिफंड रैकेट का हिस्सा है।
एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि सौ करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी की पुष्टि हो चुकी है। पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है और फर्म संचालक के बेटे सहित अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की जाएगी। जांच के आधार पर आगे सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी।
