असम विधानसभा चुनाव ‘स्वदेश’ और ‘स्वजाति’ की रक्षा की लड़ाई है: मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा

गुवाहाटी, 27 दिसंबर 2025 – असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव राज्य की पहचान, भूमि और संस्कृति के साथ-साथ ‘स्वदेश’ (राष्ट्र) और ‘स्वजाति’ (समुदाय) की रक्षा की लड़ाई होगा।

उन्होंने पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि भाजपा राज्य के लोगों की आखिरी उम्मीद है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के कारण असम को संकट में नहीं डाला जाए। शर्मा ने कहा, “आगामी चुनाव आशाओं और आकांक्षाओं के बारे में नहीं हैं, यह ‘स्वदेश’ और ‘स्वजाति’ की रक्षा के लिए समर्पण के बारे में है। लोग जानते हैं कि भाजपा उनकी आखिरी उम्मीद है।”

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की कमजोरी और ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण धीरे-धीरे असम में “एक और सभ्यता” का निर्माण हुआ है, जिसकी आबादी अब लगभग 1.5 करोड़ है। उन्होंने 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिम आबादी 34 प्रतिशत थी, जिसमें असमिया मूल के 3 प्रतिशत मुसलमान को हटा दें तो घुसपैठियों की संख्या 31 प्रतिशत थी। उनका अनुमान है कि 2027 में यह संख्या लगभग 40 प्रतिशत हो सकती है।

शर्मा ने हाल के उदाहरण देते हुए दावा किया कि बांग्लादेश में हिंसक घटनाओं और असम में ‘लव जिहाद’ जैसी घटनाओं के कारण असमिया पहचान खतरे में है। उन्होंने कहा कि असम के मूल निवासी अपनी जमीनें बेचकर शहरों में जा रहे हैं और प्रदेश की सांस्कृतिक जड़ों को खतरा है।

पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने वाले सिलीगुड़ी के ‘चिकन नेक’ गलियारे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां की आबादी बांग्लादेश से आए लोगों की है और यह राज्य की सुरक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण है।

शर्मा ने वाम दलों पर भी आरोप लगाया कि वे असम की सांस्कृतिक पहचान को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा असम के लोगों के लिए चमकदार रोशनी होगी और सभी को अपनी जाति, माटी और भेटी (समुदाय, भूमि और जड़) की रक्षा के लिए सतत संघर्ष करना होगा।

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