2014 से पहले खेलों में अनियमितताएं थीं, अब गरीब भी शीर्ष पर पहुंच सकता है : प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2014 से पहले खेल विभाग, टीम चयन और बुनियादी ढांचे में व्याप्त अनियमितताएं अब समाप्त हो चुकी हैं और वर्तमान व्यवस्था में गरीब परिवारों के बच्चे भी अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के दम पर शीर्ष स्तर तक पहुंच रहे हैं।

युवाओं में खेल संस्कृति और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित ‘सांसद खेल महोत्सव’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव में शहरों से लेकर गांवों तक हर पृष्ठभूमि के लोगों की भागीदारी इसके व्यापक प्रभाव को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन “युवा निर्माण से राष्ट्र निर्माण” के मंत्र का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सांसद खेल महोत्सव के माध्यम से देश को हजारों प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि खेलों से मिलने वाली खेल भावना से अनुशासित और सक्षम युवाओं का निर्माण होता है, जो देश के भविष्य को आकार देते हैं। साथ ही यह महोत्सव समाज की सोच बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा कि देश के दूर-दराज इलाकों से प्रेरणादायक उदाहरण सामने आ रहे हैं, जहां दिव्यांग खिलाड़ी चुनौतियों को पीछे छोड़कर ऊंचाइयों को छू रहे हैं और बेटियां अपने सपनों को साकार करने के लिए मैदान में उतर रही हैं। सांसद खेल महोत्सव ऐसे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में समाज की सोच बदली है और अब माता-पिता यह समझने लगे हैं कि खेल बच्चों का भविष्य नहीं बिगाड़ते, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने का अवसर देते हैं। उन्होंने कहा कि अब देश में ऐसा इकोसिस्टम तैयार हो गया है, जहां खिलाड़ियों का चयन पहचान या सिफारिश के आधार पर नहीं, बल्कि प्रतिभा के आधार पर होता है।

उन्होंने दावा किया कि 2014 से पहले खेल विभाग, टीम चयन और बुनियादी ढांचे के नाम पर होने वाली गड़बड़ियां अब बंद हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कम उम्र के खिलाड़ी आज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो देश की खेल शक्ति को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार युवाओं को खेलने के लिए अधिक से अधिक मंच उपलब्ध करा रही है। ‘खेलो इंडिया’ और सांसद खेल महोत्सव जैसे आयोजनों से प्रतिभाओं की पहचान हो रही है और टियर-2 व टियर-3 शहरों में भी विश्व स्तरीय खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से पहले देश का खेल बजट 1,200 करोड़ रुपये से कम था, जो अब बढ़कर 3,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसके अलावा ‘टॉप्स’ (टारगेट ओलंपिक पोडियम) योजना के तहत खिलाड़ियों को हर महीने 25,000 से 50,000 रुपये तक की सहायता दी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में सात पदक, पेरिस पैरालंपिक में 29 पदक और एशियाई खेलों में 100 से अधिक पदक जीतकर अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ी वैश्विक खेल मानचित्र पर देश को नई पहचान दिला रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत वर्ष 2030 में अहमदाबाद में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करेगा और 2036 ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए भी प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों में वही युवा देश का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो आज 10–12 वर्ष के हैं और जिन्हें अभी से पहचान कर तराशने की आवश्यकता है।

उन्होंने देश के खिलाड़ियों से आह्वान करते हुए कहा कि वे केवल अपनी जीत के लिए नहीं, बल्कि देश और तिरंगे के सम्मान के लिए खेलें।

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