छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के आदिवासी युवाओं ने हिमाचल प्रदेश की ऊँची पहाड़ियों पर एक नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने जगतसुख पीक (ऊँचाई 5,340 मीटर) पर एक बिल्कुल नया अल्पाइन पर्वतारोहण मार्ग खोला है, जिसे उन्होंने “विष्णु देव रूट” नाम दिया है।
यह उपलब्धि न केवल जशपुर के लिए, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गौरव का विषय है।इस दल में जशपुर के कई युवा पर्वतारोही शामिल थे, जिन्होंने बिना किसी बाहरी तकनीकी सहायता के यह कठिन अभियान पूरा किया। इस अभियान का नेतृत्व विष्णु देव पटेल ने किया, जिनके नाम पर इस नए रूट का नाम रखा गया।
दल ने बर्फीले तूफान, खड़ी चट्टानों और शून्य से नीचे तापमान जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए यह सफलता हासिल की।इस नई उपलब्धि से हिमाचल के कुल्लू-मनाली क्षेत्र के पर्वतारोहण मानचित्र पर एक नया रास्ता जुड़ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह रूट पर्वतारोहियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण लेकिन रोमांचक अनुभव प्रदान करेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए युवाओं को सम्मानित करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “जशपुर के युवाओं ने देश का नाम रोशन किया है। यह सिद्ध करता है कि अगर इच्छाशक्ति और मेहनत हो, तो कोई भी ऊँचाई असंभव नहीं होती।”स्थानीय जनजातीय समाज में इस खबर से खुशी की लहर है।
कई लोगों ने कहा कि यह सफलता क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी पर्वतारोहण और साहसिक खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।यह उपलब्धि भारत में बढ़ते अल्पाइन क्लाइम्बिंग के रुझान को भी दर्शाती है, जहाँ छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के युवा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
