हार के गम का अहसास है, जीत की खुशी को महसूस करने का इंतजार: हरमनप्रीत कौर

नवी मुंबई, एक नवंबर : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने शनिवार को कहा कि उनकी टीम ने आईसीसी टूर्नामेंटों में कई बार हार का दर्द झेला है, लेकिन अब वह उस पल का इंतजार कर रही हैं जब भारत पहली बार विश्व कप जीत की खुशी का लुत्फ उठा सकेगा।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रविवार को होने वाले महिला वनडे विश्व कप फाइनल में एक नई चैंपियन टीम का जन्म होगा, क्योंकि दोनों देशों में से किसी ने भी अभी तक यह खिताब नहीं जीता है। हरमनप्रीत ने फाइनल से पूर्व संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें हार का अहसास कई बार हुआ है, लेकिन अब हम जीत की खुशी को महसूस करने के लिए बेसब्र हैं। हमने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और अब सब कुछ झोंक देने का समय है। उम्मीद है कि कल का दिन हमारे लिए ऐतिहासिक रहेगा।’’

यह भारत का तीसरा वनडे विश्व कप फाइनल होगा। इससे पहले टीम 2005 और 2017 में खिताब के करीब पहुंचकर चूक गई थी। 2017 के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार का दर्द आज भी कप्तान हरमनप्रीत को याद है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं हार का एहसास कैसा होता है। इसलिए इस बार जीत को हासिल करने की हमारी इच्छा और भी प्रबल है। घरेलू मैदान पर फाइनल खेलना हमारे लिए गर्व का क्षण है। पूरे देश को हमारी मेहनत और प्रदर्शन पर गर्व होना चाहिए।’’

भारत की टीम ने टूर्नामेंट की शुरुआत धीमी की थी और लीग चरण के दौरान उसके बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था। लेकिन टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया और फिर सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को मात देकर फाइनल में जगह बनाई।

टीम की प्रेरणा पर बात करते हुए हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘विश्व कप फाइनल से बड़ी प्रेरणा कोई और नहीं हो सकती। जब आप इस मंच पर होते हैं तो हर खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता है। हमारी टीम बेहद एकजुट है और हर खिलाड़ी एक-दूसरे के लिए खेल रही है।’’

सेमीफाइनल में 89 रनों की यादगार पारी खेलने वाली कप्तान ने कहा कि टीम ने फाइनल की तैयारी लंबे समय से की थी। ‘‘ऐसा नहीं है कि हम आज फाइनल में पहुंचे हैं तो हमें अब सब कुछ नया करना है। हम पिछले कई वर्षों से इस क्षण के लिए मेहनत कर रहे हैं। हमें भारतीय पिचों और परिस्थितियों का पूरा अंदाजा है और टीम पूरी तरह तैयार है,’’ उन्होंने कहा।

हरमनप्रीत ने टीम के सामूहिक प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, ‘‘हमने इस टूर्नामेंट में जिसे भी मौका दिया, उसने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया। यह इस टीम की सबसे बड़ी ताकत है।’’

भारत की कप्तान ने अंत में कहा कि टीम का एकमात्र लक्ष्य अब ट्रॉफी को अपने नाम करना है, ताकि वर्षों से अधूरी रही जीत की कहानी को मुकम्मल अंजाम तक पहुंचाया जा सके।

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