स्थानीय निकाय चुनावों से पहले फडणवीस ने महायुति की एकता पर जताया भरोसा

पुणे, 5 नवंबर : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सत्तारूढ़ महोयूति गठबंधन पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही गठबंधन दल अलग-अलग चुनाव लड़ें, लेकिन चुनाव बाद गठबंधन तय है और महायुति के घटक दल मिलकर सत्ता में भागीदारी निभाएंगे।

कोल्हापुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए फडणवीस ने कहा कि उनकी पार्टी और सहयोगी दल चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा, “चुनावों की घोषणा हो चुकी है और हम तैयार हैं। महायुति के हमारे नेता अपने स्तर पर गठबंधन पर निर्णय लेंगे, लेकिन किसी भी परिस्थिति में भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और राकांपा (अजित पवार गुट) एक साथ हैं। भले ही चुनाव पूर्व गठबंधन न हो, पर चुनाव के बाद एकजुटता बनी रहेगी।”

राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को घोषणा की थी कि 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए मतदान 2 दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी। हालांकि, अभी तक 29 नगर निगमों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं हुई है।

फडणवीस ने विश्वास जताया कि महाराष्ट्र की जनता महायुति सरकार के कामकाज से संतुष्ट है और स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन को “बड़े पैमाने पर समर्थन” मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य की विकास योजनाओं और जनता से जुड़े निर्णयों को लेकर सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

इस बीच, विपक्षी दलों की गतिविधियों पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के मराठवाड़ा दौरे का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “यह अच्छी बात है कि विपक्ष के नेता राज्य का दौरा कर रहे हैं। उद्धवजी पहली बार सामने आए हैं और मैं खुश हूं। लेकिन केवल ताने मारने से राजनीति नहीं चलेगी।”

फडणवीस ने तंज कसते हुए कहा, “मैंने बार-बार कहा है — मुझे विकास पर उद्धवजी का एक भाषण दिखाओ और 1,000 रुपये का इनाम पाओ।”

इसी दौरान, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे द्वारा मतदाता सूची में विसंगतियों और निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाए गए सवालों पर फडणवीस ने कहा कि मनसे केवल नगर निकाय चुनावों को स्थगित कराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार चुनाव स्थगित नहीं किए जा सकते। इसलिए राज ठाकरे को वह जवाब नहीं मिलेगा जो वे चाहते हैं।”

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