सरकार ‘वंदे मातरम्’ के पीछे अपने गुनाहों को छिपा रही है : संजय सिंह

नयी दिल्ली, 9 दिसंबर : राज्यसभा में शुक्रवार को ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर हुई चर्चा के दौरान सदन में तीखी राजनीतिक नोकझोंक देखने को मिली। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ‘वंदे मातरम्’ जैसे देशभक्ति के नारे के पीछे अपने “गुनाहों और नाकामियों” को छिपाने की कोशिश कर रही है।

सिंह ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ देश की अस्मिता और देशभक्ति का प्रतीक है, लेकिन सरकार इसका इस्तेमाल राजनीतिक ढाल के रूप में कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि “देशभक्ति की बात करने वाली सरकार” देश की संपत्तियाँ—एयरपोर्ट, रेल और कई सरकारी उपक्रम—बेच रही है। आप सांसद ने दावा किया कि भगत सिंह, खुदीराम बोस सहित अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने ‘वंदे मातरम्’ के नारे के साथ आजादी की लड़ाई लड़ी, लेकिन “भाजपा के पूर्ववर्ती संगठनों ने स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं निभाई।”

उन्होंने सवाल किया, “उस समय आपके पुरखे क्या कर रहे थे? आरएसएस अपने चार स्वतंत्रता सेनानियों के नाम बता दे। आजादी की लड़ाई में आपकी कोई भूमिका नहीं, यही आपकी कुंठा है।”
सिंह ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि उसने लंबे समय तक तिरंगे का विरोध किया, कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया और संगठन के मुखपत्र ऑर्गेनाइज़र में राष्ट्रगान के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणियाँ प्रकाशित कीं। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस इतिहास के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।

राजद के सांसद मनोज कुमार झा ने भी चर्चा में शामिल होते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सदन में होने वाली अधिकांश बहसों में जवाहरलाल नेहरू का नाम बार-बार आता है और भाजपा तथा सरकार उन्हें “राजनीतिक लाइफ जैकेट” की तरह इस्तेमाल करती है। झा ने कहा कि ध्रुवीकरण आज जीवन का हिस्सा बन चुका है, और चुनाव के दौरान यह और बढ़ जाता है।
उन्होंने टिप्पणी की कि “भाजपा चुनाव जीत सकती है, लेकिन देश हार गया।” झा ने महापुरुषों को “राजनीति का औजार” न बनाने की अपील की।

चर्चा में अन्नाद्रमुक के एम. थंबीदुरै, मनोनीत सदस्य मीनाक्षी जैन, वाईएसआर कांग्रेस के येरेम वेंकट सुब्बारेड्डी और बीजद के मुजीबुल्ला खान ने भी अपने विचार रखे।

Related Post

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *