लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए राज्य पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के 20 चुनिंदा जिलों में 233 थानों पर विशेष दुर्घटना रोकथाम टीमें (Special Accident Prevention Teams) तैनात की जा रही हैं। इन टीमों का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के हॉटस्पॉट की पहचान करना, मौके का विश्लेषण करना और ऐसे उपाय लागू करना है, जिनसे हादसों को प्रभावी रूप से कम किया जा सके।
यह निर्णय राज्य में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और दुर्घटना मृत्यु दर को कम करने के लिए किया गया है। अधिकारी मानते हैं कि कई हादसे खराब सड़क संरचना, तेज रफ्तार, अवैध पार्किंग, यातायात नियमों की अनदेखी और वाहनों की ओवरलोडिंग जैसे कारणों से होते हैं। नई टीमें इन सभी कारणों का विश्लेषण कर स्थानीय स्तर पर सुधारात्मक कदम सुनिश्चित करेंगी।
233 थानों पर तैनात की जा रही ये टीमें घटनास्थल के निरीक्षण के साथ-साथ ब्लैक स्पॉट्स की मैपिंग, ट्रैफिक सर्वे, CCTV फुटेज की समीक्षा, सड़क संकेतों की कमी का मूल्यांकन और आवश्यकतानुसार लोक निर्माण विभाग (PWD) एवं परिवहन विभाग के साथ समन्वय करेंगी। इसके अलावा, ये टीमें आसपास के स्कूलों, बाजारों और ग्रामीण इलाकों में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान भी चलाएंगी।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हर टीम में प्रशिक्षित कर्मियों को शामिल किया गया है, जिन्हें ट्रैफिक साइंस, तकनीकी जांच और दुर्घटना डेटा विश्लेषण की ट्रेनिंग दी गई है। इनकी रिपोर्ट सीधे जिला पुलिस प्रमुख और यातायात प्रभारी को भेजी जाएगी, ताकि सुधारात्मक कदम तुरंत लागू किए जा सकें।
यूपी पुलिस का यह कदम राज्य में लगातार बढ़ते सड़क हादसों के मद्देनज़र बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, कई जिलों में प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवा देते हैं। ऐसे में इन विशेष टीमों की तैनाती से न सिर्फ दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा, बल्कि सुरक्षित यातायात संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार और पुलिस विभाग उम्मीद कर रहे हैं कि इस पहल के बाद आने वाले महीनों में सड़क हादसों के आंकड़ों में उल्लेखनीय कमी दिखाई देगी।
