वाराणसी में देव दीपावली: घाटों की रौनक और हरित उत्सव का संगम

वाराणसी, 4 नवंबर  : काशी में देव दीपावली के पावन अवसर पर बुधवार, 5 नवंबर को पूरे शहर के घाट दीपों की रौशनी और भक्ति से जगमगाएंगे। इस बार भी यह पर्व काशीवासियों और श्रद्धालुओं के लिए आस्था, संस्कृति और पर्यावरणीय जागरूकता का संदेश लेकर आएगा।

कार्यक्रम का शुभारंभ सभी घाटों पर शाम 5.15 से 5.50 बजे तक दीप प्रज्ज्वलन के साथ होगा। इसके बाद प्रमुख घाटों—नमो घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट और अस्सी घाट—पर विशेष गंगा आरती शाम 6.00 से 6.50 बजे तक संपन्न होगी। इस दौरान मंत्रोच्चारण, घंटों की गूंज और दीपों की झिलमिलाहट से घाट क्षेत्र एक दिव्य वातावरण में बदल जाएगा।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि चेत सिंह घाट पर दर्शकों के लिए तीन चरणों में प्रोजेक्शन और लेजर शो आयोजित होंगे। पहला शो 6.15 से 6.45 बजे, दूसरा 7.15 से 7.45 बजे और तीसरा 8.15 से 8.45 बजे तक चलेगा। इस शो में काशी की पौराणिकता, अध्यात्म और संस्कृति को प्रकाश, ध्वनि और 3डी प्रभावों के माध्यम से जीवंत रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।

इस वर्ष ललिता घाट पर रात 8.00 से 8.15 बजे पर्यावरण के अनुकूल हरित आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा। मंत्री सिंह ने बताया कि इसमें हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं होगा, जिससे प्रदूषण न्यूनतम रहेगा। साथ ही गंगा तट पर रंगों की बरसात और हजारों दीपों की रौशनी पर्यावरण संरक्षण और ‘हरित काशी’ का संदेश देगी।

उन्होंने कहा कि पूरे आयोजन में सुरक्षा, सफाई और यातायात की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। घाटों और गलियों को आकर्षक रोशनी से सजाया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मंत्री सिंह ने कहा, “देव दीपावली काशी की आत्मा और आस्था का उत्सव है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में काशी अपने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक वैभव के साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारी का उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। इस वर्ष ग्रीन आतिशबाजी, लेजर शो और दीप प्रज्ज्वलन के माध्यम से हम पारंपरिक आस्था को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि श्रद्धालु इस पावन पर्व पर दिव्यता का अनुभव करें और स्वच्छ, हरित और विश्व स्तर की काशी के संदेश को भी महसूस करें। देव दीपावली न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि काशी को वैश्विक पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र बनाने की दिशा में एक प्रेरक कदम है।”

इस तरह, वाराणसी में देव दीपावली का आयोजन भक्ति, संस्कृति और पर्यावरणीय जागरूकता का संगम प्रस्तुत करेगा, और श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव बनेगा।

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