लोकसभा में नकली कफ सिरप कांड पर हंगामा, निष्पक्ष जांच की मांग तेज

नई दिल्ली, 4 दिसंबर। लोकसभा के शून्यकाल में गुरुवार को उत्तर प्रदेश में नकली कफ सिरप की बिक्री का गंभीर मुद्दा जोरदार तरीके से उठा। समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद प्रिया सरोज ने प्रदेश में बेचे जा रहे खतरनाक नकली कफ सिरप के कारण मासूम बच्चों की मौतों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से इस पूरे मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और विस्तृत जांच की मांग की।

सपा सांसद ने सदन को जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर महीने में कथित तौर पर एक अवैध और जहरीली दवा के सेवन से कई बच्चों की जान चली गई। उन्होंने दावा किया कि मामले से संबंधित अब तक 98 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। प्रिया सरोज ने यह भी कहा कि इस पूरे सिंडिकेट के तार जौनपुर, वाराणसी और आसपास के कई क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं, जहां इसकी गहरी जड़ें पाई गई हैं।

उन्होंने सदन में आरोप लगाया कि मीडिया रिपोर्टों से यह संकेत मिलता है कि इस अवैध नेटवर्क में सरकारी तंत्र से जुड़े कुछ लोग भी शामिल हो सकते हैं। उनके अनुसार, बिना किसी लाइसेंस के फर्जी कंपनियां वर्षों से संचालित हो रही हैं और हवाला के माध्यम से इस काले कारोबार को संरक्षण मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि यह मामला न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता को उजागर करता है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की गंभीर तस्वीर भी सामने लाता है।

इसी मुद्दे पर सपा के एक अन्य सांसद राजीव राय ने भी ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पर चर्चा के दौरान अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने दावा किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र घोसी में “स्वास्थ्य माफिया” के संरक्षण में नकली दवाइयों की खुलेआम बिक्री हो रही है। राजीव राय ने सदन को बताया कि क्षेत्र में फर्जी अस्पताल और फर्जी नर्सिंग होम भी धड़ल्ले से संचालित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सक्रिय यह माफिया “सत्ता और सरकार के संरक्षण” में काम कर रहा है।

राजीव राय ने कहा कि नकली दवाइयों का मुद्दा केवल एक राज्य की समस्या नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और जन-स्वास्थ्य दोनों से सीधे जुड़ा हुआ मामला है। इसलिए केंद्र सरकार को इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

शून्यकाल के दौरान ही राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को जोड़ने वाले दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रॉमा सेंटर की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि राजमार्ग को परीक्षण आधार पर खोला गया है और वर्तमान में बड़ी संख्या में वाहन इस मार्ग से गुजर रहे हैं, जिसके कारण कई सड़क दुर्घटनाएं भी हुई हैं।

सांगवान ने सरकार से आग्रह किया कि यात्रियों की सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर तत्काल एक अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर की स्थापना की जाए, ताकि दुर्घटनाओं के दौरान समय पर मेडिकल सहायता मिल सके और जानें बचाई जा सकें।

समग्र रूप से, शून्यकाल में विपक्षी सांसदों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं, नकली दवाइयों के बढ़ते कारोबार और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर सरकार को घेरा और इन मुद्दों पर ठोस कदम उठाने की मांग की।

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