लाल किला विस्फोट मामले में आरोपी आमिर राशिद अली 10 दिन की एनआईए हिरासत में,

 

अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल की साजिश की पड़ताल जारी

नई दिल्ली। लाल किला विस्फोट मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को बड़ा अवसर मिला है, क्योंकि दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी आमिर राशिद अली को 10 दिन की हिरासत में भेज दिया है। पंपोर (दक्षिण कश्मीर) निवासी अली को कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को पटियाला हाउस अदालत परिसर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना के समक्ष पेश किया गया। सुरक्षा कारणों से मीडिया को अदालत कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई और पूरी कार्यवाही बंद कमरे में संपन्न हुई। अदालत में मौजूद सूत्रों ने बताया कि एनआईए द्वारा 10 दिन की हिरासत की मांग को न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया।

दिल्ली पुलिस और आरएएफ के दंगा-रोधी दस्ता सहित भारी सुरक्षा बलों की तैनाती से अदालत परिसर पूरी तरह घिरा रहा। एनआईए के अनुसार, अली उस कुख्यात डॉक्टर उमर नबी के संपर्क में रहने वाला अंतिम व्यक्ति था, जो 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोटकों से भरी कार चलाते हुए मारा गया था। इस वीबीआईईडी (वाहन-जनित संवर्धित विस्फोटक उपकरण) विस्फोट में 13 लोगों की जान चली गई थी। जांच में यह भी सामने आया है कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार अली के नाम पर पंजीकृत थी और वह इसे खरीदने के लिए विशेष रूप से दिल्ली आया था।

एनआईए का दावा है कि उमर नबी एक अंतरराज्यीय “सफेदपोश” आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था, जिसका भंडाफोड़ हरियाणा के फरीदाबाद में 10 नवंबर को भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के बाद हुआ। उमर इस नेटवर्क का सबसे कट्टर और सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है, जो छह दिसंबर—बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी—के आसपास एक बड़ा विस्फोट करने की योजना बना रहा था। हालांकि, श्रीनगर पुलिस की जांच के आधार पर अल फलाह विश्वविद्यालय से डॉ. मुजम्मिल गनई की गिरफ्तारी और विस्फोटक बरामदगी के बाद इस साजिश का बड़ा हिस्सा उजागर हो गया, जिससे उमर घबरा गया और अंततः लाल किले के पास उसकी कार में विस्फोट हो गया।

इस नेटवर्क का खुलासा अक्टूबर में श्रीनगर के नौगाम क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने की घटना की जांच के दौरान हुआ था। अब तक इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें चरमपंथी गतिविधियों में संलिप्त कई स्थानीय लोग और एक पूर्व पैरामेडिक से इमाम बने मौलवी इरफान अहमद भी शामिल हैं।

एनआईए अब आमिर राशिद अली से पूछताछ कर इस मॉड्यूल की पूरी साजिश, वित्तीय स्रोत और अन्य संभावित सहयोगियों की भूमिका का पता लगाने की कोशिश करेगी।

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